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यूपी में एजीएम समेत चार बैंक अफसरों पर धोखाधड़ी केस, फर्जीवाड़ा कर खाता खोला; ट्रांसफर की रकम

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यूपी में एजीएम समेत चार बैंक अफसरों पर धोखाधड़ी केस, फर्जीवाड़ा कर खाता खोला; ट्रांसफर की रकम


फतेहपुर में एजीएम समेत चार बैंक अफसरों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। बीओबी से इंडियन बैंक में लोन ट्रांसफर होना था। पूर्व शाखा प्रबंधक ने 12 लाख कैश लिए। एजीएम और वर्तमान मैनेजर ने भी फर्जीवाड़ा कर खाता खोला और पैसे ट्रांसफर किए।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, फतेहपुरThu, 24 Oct 2024 02:11 AM
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फतेहपुर के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र में चावल व्यापारी से बैंक के पूर्व और वर्तमान शाखा प्रबंधक समेत चार ने ना सिर्फ लाखों रुपये की रकम ऐंठ ली बल्कि फर्जीवाड़ा करते हुए नया खाता खोलकर रुपयों का हेरफेर किया। तहरीर पर पुलिस ने बैंक के सहायक महाप्रबंधक समेत सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। दरअसल, बिंदकी कोतवाली के खिदिरपुर निवासी राममिलन वर्मा इंडस्ट्रीज राइस मिल के पार्टनर हैं। उनके मुताबिक मिल का कैश क्रेडिट ऋण खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में 2.32 करोड़ का चल रहा था।

जनवरी 2023 को इंडियन बैंक बिंदकी शाखा के प्रबंधक शैलेश पांडेय ने कम ब्याज में ऋण देने और बगैर शर्त ऋण की लिमिट छह करोड़ करने की बात कही। इस पर मिल के पार्टनर चारों भाई हमीरपुर बैंक के एजीएम घनश्याम से मिले और शाखा प्रबंधक को बैंक ऑफ बड़ौदा का लोन टेकओवर करने की बात कही। खाता खुलने के बाद टर्नओवर समेत तमाम शर्तें बताकर तत्कालीन शाखा प्रबंधक शैलेश ने पीड़ितों से 12 लाख रुपये कैश ले लिए, लेकिन ऋण स्वीकृति पत्र मिलने से पहले ही शाखा प्रबंधक का तबादला हो गया।

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नई तैनाती पर आईं शाखा प्रबंधक आयुषी तिवारी मिल पहुंचीं और सुविधा शुल्क के नाम पर पांच फीसदी जमा करने को कहा तो व्यापारी ने पूर्व मैनेजर की बात बताते हुए मना कर दिया। इस पर 2.32 करोड़ कैश क्रेडिट व 2.90 करोड़ का टर्मलोन कुल 5.22 करोड़ का लेटर नई शाखा प्रबंधक ने दिया। साथ ही मार्जिन मनी 1.25 करोड़ जमा करने पर बैंक ऑफ बड़ौदा का ऋण टेकओवर व शेष राशि उपयोग में देने की बात कही। अचानक नई शर्तें लगाने से व्यापारियों ने लोन लेने से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में पता चला कि बगैर किसी पार्टनर के हस्ताक्षर व मोहर के उनकी फर्म के नाम से फर्जी खाता बनाकर उसमें 98 लाख डाल दिए गए।

उधर, व्यापारियों ने इंडियन बैंक बिंदकी के पूर्व शाखा प्रबंधक शैलेश पांडेय से 12 लाख रुपयों का हिसाब मांगा, जो वो कैश ले गए थे तो आनाकानी करने लगे। कुछ दिन बाद फोन उठाना बंद कर दिया तब पीड़ितों को धोखाधड़ी का एहसास हुआ। कोतवाल सुनील सिंह ने बताया कि मिल के पार्टनर की तहरीर पर हमीरपुर इंडियन बैंक के एजीएम, पूर्व शाखा प्रबंधक, वर्तमान शाखा प्रबंधक सहित चार पर मुकदमा दर्ज किया गया है।



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