Uttar Pradesh
सुबह 10 बजे तक सबसे ज्यादा जहरीली हवाएं, जानें लखनऊ-मेरठ-नोएडा-आगरा का हाल, उत्तर प्रदेश न्यूज़
UP AQI Today: यूपी के शहरों की हवा जहरीली हो रही है। सबसे ज्यादा हवाएं जहरीली सुबह 7 से 10 बजे के बीच रहीं। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) की बात करें तो आगरा और नोएडा-गाजियाबाद खतरनाक स्तर पर पहुंच रहे हैं।
सुबह मार्निंग वॉक पर जाते हैं तो अब मास्क लगाना शुरू कर दीजिए। ऐसा न हो कि सेहत सुधरने की बजाए बिगड़ जाए। सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक सुबह सात से 10 बजे के बीच यूपी की हवाएं सबसे खराब पाई गई हैं। यूपी में दीवाली से एक हफ्ते पहले ही शहरों की हवा खतरनाक होती जा रही है। कई शहर जहरीली गैसों के चैंबर बन गए हैं। इससे लोगों की सेहत भी बुरी तरह प्रभावित है। खुले में निकलने पर खांसी और आखों में जलन होने लगी है। इसके साथ ही राजधानी लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा में भी हालात बहुत अच्छे नहीं है।
गुरुवार को सुबह आठ बजे गाजियाबाद के लोनी इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 307 पाया गया है। नोएडा के सेक्टर एक में 201 एक्यूआई मिला है। लखनऊ के औद्योगिक क्षेत्र तालकटोरा में एक्यूआई 255 पाया गया है। बता दें कि एक्यूआई के पैमाने पर 101 से 200 तक अच्छी स्थिति नहीं मानी जाती है। इस तरह के वातावरण में फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। 201 से 300 तक खराब स्थिति मानी जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है। 401 से 500 तक एक्यूआई होने पर स्वस्थ आदमी पर भी असर पड़ सकता है। पहले से बीमार लोगों को ज्यादा खतरा होता है। वहीं एक्यूआई यदि 51 से 100 के बीच है तो इसे ठीक माना जाता है और यदि शून्य से 50 तक एक्यूआई है तो इसे अच्छी स्थिति माना जाता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की साइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार बुधवार की सुबह राजधानी लखनऊ स्थित बीआर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के पास एक्यूआई 149, गोमतीनगर में 176, कुकरैल में 102, लालबाग में 231 रहा। वहीं गाजियाबाद के इंदिरापुरम में 291, संजय नगर में 108 और वसुंधरा में 289 रहा। बरेली में यह अपेक्षाकृत ठीक स्थिति रही। यहां के सिविल लाइन्स इलाके में एक्यूआई 61 और राजेन्द्रनगर में 54 पाया गया। वहीं कानपुर के किदवई नगर में 211, कल्याणपुर में 145 और नेहरू नगर में 176 एक्यूआई पाया गया।
आगरा के मनोहरपुर में 177 तो संजय पैलेस के पास 303 एक्यूआई पाया गया है। मुरादाबाद के कांशीराम नगर में एक्यूआई 169, ट्रांसपोर्ट नगर में 109 पाया गया है। वहीं मेरठ के गंगानगर में 266, जयभीमनगर में 304, पल्लवपुरम में 279 एक्यूआई पाया गया है। नोएडा के सेक्टर 125 में 124 और सेक्टर 116 में 137 एक्यूआई पाया गया है। प्रयागराज के झूंसी में 103, मोतीलाल नेहरू एनआईटी के पास 78, नगर निगम क्षेत्र में 110 एक्यूआई पाया गया है। वहीं वाराणसी के अदर्ली बाजार में 91 , भेलूपुर में 93, बीएचयू में 50 और मल्दहिया में 87 एक्यूआई पाया गया है।
सुबह होती हवाएं सबसे जहरीली
सुबह के दौरान सर्वाधिक सूक्ष्म और धूल कण हवा में घुले होते हैं। हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर की सर्वाधिक मौजूदगी का स्तर सुबह सात से 10 बजे के बीच आया है। इस दौरान लोग घरों से काम के लिए बाहर निकलते हैं। इस कारण वाहनों से निकलने वाली गैस का उत्सर्जन बढ़ जाता है। साथ ही इसी समय सड़कों पर सफाई भी की जाती है। बताया गया कि दोपहर 11 से 12 के बीच तेज धूप निकलने पर सूक्ष्म कण आगे बढ़ने लगते हैं।
अति सूक्ष्म कण हवा में ऊपर उठने लगते हैं। इसलिए सतह पर प्रदूषण का स्तर कम होता जाता है। जबकि शाम होने पर फिर वही स्थिति आ जाती है। नमी के कारण अति सूक्ष्म कण सतह पर छाए रहते हैं। यह क्रम अगले दिन की सुबह तक चलता है। सिर्फ बारिश होने या तेज हवा चलने पर सूक्ष्म कण तेजी के साथ यात्रा करते हैं। इससे प्रदूषण छंट जाता है। फिहलहाल जहरीली हवा से बचने के लिए घर से बार निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें, नहीं तो सांस संबंधी परेशानी हो सकती है।