Uttar Pradesh

ऑनलाइन ठगी करने वाली साइबर गैंग का भंडाफोड़, बंद हो चुकी बीमा पॉलिसी वालों से पांच करोड़ ठगे

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किस्त जमा न करने से बंद बीमा पॉलिसी धारकों से साइबर ठगों ने पांच करोड़ उड़ा दिए। आगरा में गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित पॉलिसी चालू कराकर अच्छे मुनाफे का झांसा देते थे।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, आगराSat, 28 Sep 2024 05:44 AM
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किस्त जमा न करने से बंद बीमा पॉलिसी धारकों से साइबर ठगों ने पांच करोड़ उड़ा दिए। आगरा में गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित पॉलिसी चालू कराकर अच्छे मुनाफे का झांसा देते थे। एसीपी हरीपर्वत आदित्य ने बताया कि पंजाब में एक रिटायर दरोगा से 90 लाख की ठगी हुई थी। उसे बंद पॉलिसी चालू कराकर मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा दिया गया था। ऐसी ही शिकायतों पर जांच शुरू की गई तो पता चला कि संभल निवासी पुष्पेंद्र, देवेश धाकरे (नुनिहाई) व पुष्कर (मेरठ) पूर्व में गौतमबुद्ध नगर स्थित ब्रोकर इंश्योरेंस कंपनी में काम करते थे।

सभी उन लोगों संपर्क करते थे, जिनकी बीमा पॉलिसी बंद हो गई हैं। आरोपी फोन कर बीमा पूरा होने पर उसका फायदा बताते। कमीशन लेकर बीमा चालू कराने और तत्काल 50 प्रतिशत वापस दिलाने का वादा करते। उनके झांसे में जो फंस जाता था उससे एक लाख तक ठग लेते थे। बीमा बड़ा होता तो कमीशन बढ़ा देते थे। पीड़ितों की संख्या सैकड़ों में है। करीब पांच करोड़ रुपये ठगे गए।

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ठग ऑनलाइन ट्रांसफर कराते रकम
पांच करोड़ की ठगी करने वाले गैंग के छह सदस्यों को साइबर थाना पुलिस ने पकड़ा है। एसीपी हरीपर्वत आदित्य ने बताया कि आरोपित रकम ऑनलाइन दूसरों के खातों में ट्रांसफर कराते थे। दो आरोपियों के जन सुविधा केंद्र हैं। गरीबों के खातों में रकम ट्रांसफर कराई जाती थी। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि एक ग्राहक का डाटा तीन से सात रुपये में मिल जाता है। फर्जी आईडी पर सिम लेकर कॉल करते थे। आरोपियों ने ठगी की रकम से प्रॉपर्टी खरीदी है। कुछ ने कर्जा चुकाया है।

एसीपी ने बताया कि आरोपित रकम ऑन लाइन दूसरों के खातों में ट्रांसफर कराते थे। दो आरोपियों के जनसुविधा केंद्र हैं। गरीबों के खातों में रकम ट्रांसफर कराई जाती थी। आरोपियों ने बताया कि एक ग्राहक का डाटा तीन से सात रुपये में मिल जाता है। फर्जी आईडी पर सिम लेकर कॉल करते थे। आरोपियों ने ठगी की रकम से प्रॉपर्टी खरीदी है।

गुलशन देता था डाटा
आरोपियों ने बताया कि फर्जी आईडी पर सिमकार्ड नोएडा से मिलती थीं। बैंक खाते और बीमाधारकों का डाटागुलशनदेताथा।



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