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नोएडा में धड़ल्ले से जल रही पराली, जिम्मेदार अफसर बेखबर; लोगों का जीना हुआ मुश्किल

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सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद नोएडा में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही। सेक्टर-150 से सटे खेतों में सोमवार को जलती पराली और उसका जहरीला धुआं नोएडा प्राधिकरण और प्रशासन के दावों की धज्जियां उड़ाता दिखा। आग शाम तक धधक कर खुद ही बुझ गई।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडा। आशीष धामाTue, 1 Oct 2024 03:24 AM
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सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद नोएडा में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही। सेक्टर-150 से सटे खेतों में सोमवार को जलती पराली और उसका जहरीला धुआं नोएडा प्राधिकरण और प्रशासन के दावों की धज्जियां उड़ाता दिखा। यह हालत तब है, जब शहर को प्रदूषण से बचाने का जिम्मा 19 विभागों के हाथ में है। किसी को पराली जलने की खबर तक नहीं हुई। आग शाम तक धधक कर खुद ही बुझ गई।

यह स्थिति सेक्टर-150 या इसके आसपास ही नहीं, बल्कि जिले के कई रिहायशी इलाकों की है। यहां के लोग जहरीले धुएं के बीच रहने को मजबूर हैं। प्राधिकरण और प्रशासन की निष्क्रियता इससे भी समझी जा सकती है कि जिम्मेदार अधिकारियों को अब तक पराली जलाने की एक भी घटना की जानकारी नहीं मिली, जबकि शहर से गांव तक हर दिन पराली जलाई जा रही।

नवंबर में दिवाली है। इस त्योहार के आसपास तेजी से शहर का वायु प्रदूषण बढ़ता है, यहां तक की नोएडा और ग्रेटर नोएडा देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार रहते हैं। प्रशासन ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू करने की तैयारी कर चुका है, जिसके लिए आज यानी मंगलवार से ही प्रभावी कदम उठाए जाने हैं, लेकिन हालात ये है कि प्रदूषण की कार्ययोजना सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई है। शहर में वायु प्रदूषण से सांस, हृदय और आंख से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।

पराली जलाने पर छह महीने तक कारावास संभव

जिला प्रशासन के मुताबिक पराली जलाने पर छह महीने तक का कारावास संभव है। यदि कोई व्यक्ति पराली जलाता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत मुकदजा दर्ज किया जाता है। इसमें व्यक्ति को छह महीने तक कारावास या अधिकतम 15 हजार रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। प्रशासन की सख्ती नहीं होने से पराली जलाने पर रोक नहीं लग पा रही।

सोसाइटी के लोगों का जीना दुश्वार हुआ

नोएडा सेक्टर-150 एटीएस प्रिस्टीन सोसाइटी की एओए के अध्यक्ष डॉ. तरुण मित्तल ने बताया कि सोसाइटी के बाहर खाली खेतों में हर वर्ष पराली जलाई जाती है। पराली जलाने से उठने वाले धुएं के चलते सोसाइटी में लोगों का रहना मुश्किल हो जाता है।

मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी

कृषि उपनिदेशक राजीव तोमर का कहना है कि सेक्टर-150 से सटे खेतों में पराली जलाने की घटना के बारे में जानकारी नहीं है। मंगलवार को टीम भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी। विभाग सेटेलाइट की मदद से पराली जलाने वालों की पहचान कर जुर्माने की कार्रवाई करेगा।



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