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Madhya Pradesh

woman cut her tongue and offered it to Goddess Durga in Navratri – देवी दुर्गा के सामने महिला ने जीभ काट चरणों में चढ़ाया, इलाज कराने से इनकार कर बोली

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woman cut her tongue and offered it to Goddess Durga in Navratri – देवी दुर्गा के सामने महिला ने जीभ काट चरणों में चढ़ाया, इलाज कराने से इनकार कर बोली


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मध्य प्रदेश में आस्था और अंधविश्वास का एक अनोखा हैरान कर देने का मामला सामने आया है। यहां आस्था के चलते चैत्र नवरात्री के तीसरे दिन देवी माता की एक भक्त महिला ने अपनी जीभ काट कर देवी माता के चरणों में अर्पित कर दी। इसके बाद महिला घर में बने मंदिर के पास ही लेट गई। मामला गुरुवार 11 बजे के करीब की बताया जा रहा है। जीभ काटने के बाद महिला ने इलाज करने से भी मना कर दिया है। परिवार और आसपास के लोगों ने घर में बने मंदिर के बहार भजन कीर्तन करना जारी किया है। बता दें कि देश भर में 9 दिनों तक चलने वाला चैत्र नवरात्रि का पर्व भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। जबलपुर के गौरी घाट थाना अंतर्गत संजय गांधी नगर में एक महिला ने भक्ति में लीन होकर जीभ ही काट ली है। 

बताया जा रहा है कि इस महिला ने देवी दुर्गा की प्रतिमा के सामने अपनी जीभ काटकर ही देवी को अर्पण कर दी है। जब परिवार के लोगों ने उन्हें डॉक्टर को दिखने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। उनका कहना है की माता रानी ने कहा है की जीभ वापस आ जाएगी। फिलहाल जीभ को प्लेट में रख ढक दिया गया है। 

जीभ काटकर माता को अर्पित करने वाली महिला की बहू रमा ने बताया की मम्मी पूजा कर रही थी। इस दौरान उन्हें माता जी आईं तो उन्होंने अपनी जीभ काटकर अर्पित कर दी। मुंह से खून निकलता देख देवर और पति को बुलवाया गया। इस दौरान जीभ पान के पत्ते पर रखी थी। देखने के बाद पंडितों को बुलाया गया। उन्होंने देखा और वो चले गए। 

महिला के बेटे ने बताया, ‘घर में दुर्गा माता का मंदिर है। मां ने दुर्गा माता का उपवास रखा है। मां ने नहीं बताया था कि वह आज जीभ चढाएंगी। उसने घर आकर देखा तो ब्लेड से जीभ काट कर चढ़ा दी गई थी। मेरे द्वारा कहा गया की डॉक्टर को दिखा दिया जाए लेकिन उन्होंने मना कर दिया और कहा की जीभ वापस आ जाएगी।’

क्या बोले डॉक्टर

सिविल सर्जन पी एन वर्मा बताते हैं कि जीभ काटने में अधिक रक्त स्त्राव होता है लेकिन उसमें जान नहीं जाती है। जीभ काटने से खाने और बोलने में दिक्कत आती है। यह पुरानी क्रुप्रथा है जिसे आज भी लोग आस्था और मान्यता के साथ परंपरा मानते हैं। इसमें आगे के हिस्से की जीभ कई श्रद्धालु काट लेते हैं। डॉक्टर के अनुसार 2 घंटे  में जीभ को जोड़ा जा सकता है लेकिन इसके चांसेस बहुत ही काम रहते हैं।

रिपोर्ट : विजेन्द्र यादव



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