Chhattisgarh
vishnu deo sai govt to bring law to stop illegal conversion christian missionaries congress

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छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर रोक लगने वाली है। विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार धर्म स्वतंत्र विधेयक लाने वाली है। जिससे राज्य में होने वाले कथित अवैध धर्मांतरण को रोका जाएगा। दरअसल, बुधवार को विधानसभा में बजट मांगों को लेकर बहस के दौरान शिक्षा और संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कई ताकतें ‘छत्तीसगढ़ की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को बदलने के लिए काम कर रही हैं।’ उन्होंने घोषणा की कि इन गतिविधियों को रोकने के लिए, ‘धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक’ नामक एक धर्मांतरण विरोधी विधेयक वर्तमान सत्र के दौरान ही पेश किया जाएगा।
लगभग एक पखवाड़े पहले सीएम विष्णुदेव साय ने आरोप लगाया था कि ईसाई मिशनरी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हावी हैं। मिशनरियां स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की आड़ में धर्मांतरण करवा रही हैं। एक स्कूल कार्यक्रम में बोलते हुए, साय ने कहा था कि मिशनरी राज्य में ‘बहुत सक्रिय’ हैं और दोनों क्षेत्रों पर ‘वर्चस्व’ स्थापित करना चाहते हैं, जिसके परिणामस्वरूप धर्म परिवर्तन में वृद्धि हुई। उन्होंने कहा था, ‘यह सब जल्द ही बंद हो जाएगा और हिंदुत्व को ताकत मिलेगी।’
भाजपा ने बार-बार घोषणा की है कि वह बलपूर्वक या प्रलोभन देकर किए जाने वाले धर्मांतरण को खत्म कर देगी। नवंबर 2023 में, विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से एक हफ्ते पहले, गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया था कि ‘कांग्रेस शासन में आदिवासियों का बेरोकटोक धर्म परिवर्तन’ किया गया था। शाह ने जशपुर रैली में कहा था, ‘हम आदिवासियों की सहमति के बिना किसी को भी उनका धर्म परिवर्तन करने की अनुमति नहीं देंगे।’
कांग्रेस का पलटवार
बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा था कि आरोप लगाने के बजाय राज्य में कितने चर्च हैं और किसकी सरकार में कितने चर्च बने हैं, इस पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। वहीं कांग्रेस के मीडिया प्रभारी सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा और सीएम पर धर्मांतरण के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव हैं इसलिए सीएम ऐसे बयान देकर राजनीति कर रहे हैं। यदि राज्य में धर्मांतरण हो रहा है तो सरकार को एक्शन लेना चाहिए।