Uttar Pradesh

UP Ram Mandir Muslim Party Iqbal Ansari Interview with Hindustan said Ayodhya Development Will benefit not only Hindu but All – मंदिर केस के मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा

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राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बन रहा है। चौतरफा विकास हो रहा है। एयरपोर्ट, सड़कें, रेलवे स्टेशन, परिवहन, पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रही अयोध्या का फायदा क्या सिर्फ हिन्दू उठाएंगे, लाभ हर अयोध्यावासी को मिलेगा। ये बात मंदिर मामले में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने हिन्दुस्तान के वरिष्ठ संवाददाता स्वरमिल चंद्रा से साझा की।

 

सवाल- आपने लंबे समय तक इस मामले को करीब से देखा है, अब मंदिर बन रहा है, क्या मुसलमानों में कोई टीस है?

जवाब- नहीं, कोई भी टीस रही होती तो 9 नवंबर 2019 के समय बाहर आ जाती, जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। सत्र न्यायालय, हाईकोर्ट के बाद यह फैसला आया। पांच अगस्त 2020 को भूमि पूजन हुआ, तब भी कहीं धरना-प्रदर्शन या विरोध नहीं हुआ। पूरे देश के मुसलमानों ने इस फैसले का सम्मान किया। हमें कोई अफसोस नहीं है।

सवाल- राममंदिर लगभग तैयार है, धन्नीपुर में मस्जिद का अब तक पता नहीं, क्या कहेंगे?

जवाब- कोर्ट ने पांच एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी है, उस बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूखी हैं। वो तरह-तरह का नक्शा दिखा रहे हैं। बनाना या न बनाना उनका काम , न तो मैं उस बोर्ड में हूं, न मेरा कोई वास्ता है।

सवाल- प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बुलाया गया है, क्या जाएंगे?

जवाब- अयोध्या में इतना बड़ा कार्यक्रम हो रहा है। मुझे भी न्योता मिला है, जब बुलाया गया है तो क्यों नहीं जाएंगे…, खुले मन से जाएंगे। मैं अपने धर्म के लिए पक्का हूं और दूसरे धर्मों का भी सम्मान करता हूं।

सवाल- शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आ रहे हैं, आप मोदी पर फूल बरसा रहे हैं?

जवाब- हिन्दू धर्म के गुरु हैं वो लोग, उनका विरोध क्यों है, मैं नहीं जानता। रही बात मोदीजी पर फूल बरसाने की तो अयोध्या को इतनी बड़ी सौगात देने आ रहे थे उस दिन स्वागत तो बनता ही था। मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं, न राजनीति करना जानता हूं।

सवाल- क्या आपको लगता है कि अयोध्या सच बदल रही है?

जवाब- बिल्कुल बदल रही है। घर से बाहर निकलिए। नजारा देखिए, क्या आपको नहीं लगता कि अयोध्या बदल रही है? अच्छा लगता है हर तरफ रंगे पुते बढ़िया मकान बन रहे हैं। विकास की सबको जरूरत थी। सड़क पर क्या सिर्फ सनातनी चलेंगे।

सवाल- राममंदिर पर हो रही राजनीति पर क्या कहेंगे

जवाब- ये राजनीतिज्ञ लोग कर रहे हैं। हम राजनीति करते ही नहीं, राजनीति वो लोग करते हैं, जिन्हे हुकूमत करनी होगी, जिन्हे हुकूमत में साझा करना होगा, मुझे इससे क्या।

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वालिद हाशिम के बाद बने मुकदमे के मुद्दई

श्रीरामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद में सबसे उम्रदराज वादी रहे हाशिम अंसारी के पुत्र इकबाल अंसारी ने 2016 में पिता के निधन के बाद वादी की जिम्मेदारी ली। फैसला आने तक इकबाल अंसारी इस मामले में मुस्लिम पक्षकार में से एक रहे। इकबाल के पिता हाशिम 1949 से ही बाबरी मस्जिद के पैरोकार रहे। 1961 में जब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मुकदमा किया, तब हाशिम एक मुद्दई बने। मरते दम तक मुद्दई रहे। 55 वर्षीय इकबाल उदारवादी मुस्लिम चेहरे के रूप में जाने जाते हैं।



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