Uttar Pradesh

UP Kanpur Man Ravi dug foundation stone of disputed structure in Ayodhya 31 years burning Akhand Jyoti

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कानपुर देहात में सरवनखेड़ा ब्लॉक के लोहारीगांव के रविशरण सिंह के घर छोटी सी अलमारी में स्थापित मंदिर में एक अखंड ज्योति जल रही है। 31 साल हो गए, यह ज्योति निरंतर प्रज्वलित है। इसी मंदिर में एक पत्थर रखा है, जिसकी पूजा पूरा परिवार करता है। रविशरण ने यह पत्थर 06 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचे की नींव से खुद ही खोद लिया था। रविशरण बताते हैं कि 6 दिसंबर 1992 को जब विवादित ढांचा गिरा, मैं वहीं था। 

उन्होंने कहा कि गुंबद गिरते ही मैंने एक गैंती लेकर नींव की खुदाई की और उससे निकला एक पत्थर अपने साथ ले आया। पूजा की अलमारी में रखकर आज भी उसकी पूजा करते हैं। इससे पहले रविशरण सिंह 1990 में 29 नवंबर को कारसेवा के लिए साथी अशोक शुक्ला, लायक सिंह आदि के साथ निकले। वह बताते हैं कि मालगाड़ी पर सवार हुए थे। गार्ड ने फैजाबाद में जंगल में दो किमी पहले ही उतार दिया था। 30 नवंबर को पुलिस ने फैजाबाद में गिरफ्तार कर लिया और तीन दिन बाद वहां से वापस भेज दिया था।

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दो दशक से बेलपत्र पर लिख रहे श्री सीताराम

भगवान श्रीराम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तारुन ब्लॉक की ग्राम सभा सरायशेख महमूद निवासी राज किशोर पाठक बीते दो दशक से वेलपत्र पर श्री सीताराम लिख रहे हैं। मंदिर निर्माण व राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बेहद उत्साहित है। श्री पाठक कहते हैं कि वह राम मंदिर निर्माण के लिये प्रतिदिन वेलपत्र श्री सीताराम नाम लिखकर गांव स्थित शिवालय में अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिये निरन्तर अर्पित कर अंतर्मन से ईश्वर का ध्यान लगा कर कर रहे हैं।



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