Uttar Pradesh
UP Bareilly Heater blower deaths increase doctors reveals only 2 percent gas makes unconsious – सर्दियों में अंगीठी और हीटर बन रहे मौतों का कारण, डॉक्टरों ने बताया
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यूपी के बरेली में एक ही परिवार के पांच लोगों की एक साथ मौत हो गई। कमरे में आग लगने के बाद पति, पत्नी और तीन मासूम बच्चे जलकर मर गए। इसके बाद उनकी मौत हादसा थी या हत्या इस पर सवाल खड़े हुए। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। घटना की परिस्थिति के मुताबिक फिजीशियन डॉ. बागीश वैश्य ने सभी के बेहोश होने के बाद जलने की आशंका व्यक्त की है। उनका कहना है कि वातावरण में दो प्रतिशत कार्बन मोना ऑक्साइड के बढ़ते ही किसी भी इंसान को बेहोश होने में सिर्फ तीन मिनट लगते हैं।
बता दें कि हाल ही में कई लोगों की मौत की खबरें आई हैं जो ठंड से बचने को बंद कमरे में हीटर, ब्लोयर या अंगीठी जलाकर सोए और दम घुटने से जान गंवा बैठे। इस पर डॉ. बागीश वैश्य ने बताते हुए कहा कि उनके मुताबिक हवा में 20 प्रतिशत ऑक्सीजन, 78 प्रतिशत नाइट्रोजन और दो प्रतिशत कार्बन मोनो ऑक्साइड समेत अन्य गैसें होती हैं। सर्दी के मौसम में घने कोहरे में भी ऑक्सीजन की मात्रा कुछ कम हो जाती है। अगर मृतकों के कमरे में जाली लगी है तो उससे जहां ऑक्सीजन अंदर जाएगी, वहीं कोहरा भी अंदर पहुंचेगा। ऐसे में वहां ऑक्सीजन स्वाभाविक रूप से कम होगी।
ठंड भगाने को कमरे में जलाई अंगीठी, धुएं से 2 की मौत; 1 की हालत गंभीर
अगर कमरे में हीटर व ब्लोअर चल रहे हैं तो वे भी ऑक्सीजन को ही जलाएंगे। ऐसे में अगर कपड़ा या कोई अन्य वस्तु हीटर या ब्लोअर पर गिरकर वहां धुआं पैदा करेगी तो उससे कमरे के वातावरण में कार्बन मोनो ऑक्साइड बढ़ेगी। अगर यह कार्बन मोना ऑक्साइड दो प्रतिशत भी बढ़ गई तो वातावरण में पहले से मौजूद दो प्रतिशत के साथ मिलकर महज तीन मिनट में इंसान को बेहोश कर देगा। सो रहे व्यक्ति के लिए तीन मिनट का समय काफी कम होता है। जब तक वह आक्सीजन की कमी महसूस करेगा, बेहोश हो जाएगा। इससे संभव है कि उन लोगों की बेहोश होने के बाद जिंदा जलकर मौत हो गई हो।