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somvati amavasya upay hindi what to do on amawasya

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Somvati Amavasya Upay : सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। पं कुंतलेश पांडेय के अनुसार सोमवार चंद्र देवता को समर्पित दिन है। भगवन चंद्र को मन का कारक माना जाता है। अतः इस दिन अमावस्या पड़ने का अर्थ है कि यह दिन मन संबंधित दोषों को दूर करने के लिए उत्तम है। हमारे शास्त्रों में चंद्रमा को ही दैहिक, दैविक और भौतिक कष्टों का कारक माना जाता है। यह पूरे वर्ष में एक या दो बार ही पड़ने वाले पर्व का बहुत अधिक महत्व है। विवाहित स्त्रियों द्वारा इस दिन पतियों की दीर्घ आयु के लिए व्रत का विधान है। शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन चंद्रमा का अमृतांश पृथ्वी पर सबसे अधिक पड़ता है। अमावस्या अमा और वस्या दो शब्दों से मिलकर बना है।
शिव पुराण में इस संधि विच्छेद को भगवान शिव ने मां पार्वती को समझाया था। क्योंकि सोम को अमृत भी कहा जाता है। अमा का अर्थ है एकत्रित करना और वास को वस्या कहा गया है। यह भी कहा जाता है कि सोमवती अमावस्या में भक्तों को अमृत की प्राप्ति होती है। निर्णय सिंधु व्यास के अनुसार इस दिन मौन रहकर स्नान, ध्यान करने से सहस्त्र गौ दान का पुण्य मिलता है।
शास्त्रों के अनुसार पीपल की परिक्रमा करने से, सेवा पूजा करने से, पीपल की छाया से, स्पर्श करने से सभी पापों का नाश, अक्षय लक्ष्मी की प्राप्ति और आयु में वृद्धि होती है। पीपल के पूजन में दूध, दही, मिठाई, फल, फूल, जनेऊ, का जोड़ा चढ़ाने से और घी का दीप दिखाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।