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Reliance Capital shares to be delisted from exchanges share price 11 rupees – Business News India – ₹2700 से टूटकर ₹11 पर आया यह दिग्गज शेयर, अब स्टॉक मार्केट से बाहर होगी कंपनी, निवेशकों को मिलेगा पेमेंट , Business News

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अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (Reliance Capital Share) स्टॉक मार्केट से डी-लिस्ट होगी। इसका मतलब है कि रिलायंस कैपिटल के शेयरों की ना तो ट्रेडिंग हो सकेगी और ना ही निवेशक शेयर होल्ड कर सकेंगे। आपको बता दें कि रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स ने किया है। शेयरों को डी-लिस्ट करने का फैसला कंपनी के नए मालिक यानी हिंदुजा समूह की ओर से लिया गया है। बता दें कि कंपनी के शेयरों की अंतिम ट्रेडिंग 26 फरवरी को हुई थी। इसकी कीमत 11.90 रुपये है। 2008 में इस शेयर कीमत 2700 रुपये से भी अधिक थी। वर्तमान में यह शेयर 99% तक टूट चुका है। 

स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी

रिलायंस कैपिटल ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा- कंपनी के इक्विटी शेयरधारक का परिसमापन मूल्य शून्य है और इसलिए, इक्विटी शेयरधारक कोई भुगतान प्राप्त करने के हकदार नहीं होंगे। वहीं, रिलायंस कैपिटल के किसी भी शेयरधारक को कोई प्रस्ताव नहीं दिया जाएगा। आसान भाषा में समझें तो रिलायंस कैपिटल की डी-लिस्टिंग के बाद इक्विटी शेयरहोल्डर्स को कोई भी पेमेंट नहीं मिलेगा। 

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एनसीएलटी की मंजूरी 

बीते मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने रिलायंस कैपिटल पर नियंत्रण के लिए हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स की तरफ से पेश 9,650 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दे दी। इसमें कर्जदाताओं को 63 प्रतिशत बकाया का नुकसान उठाना पड़ेगा। कंपनी के खिलाफ किए गए 38,526.42 करोड़ रुपये के कुल दावों में से सिर्फ 26,086.75 करोड़ रुपये के दावों को ही न्यायाधिकरण ने स्वीकार किया है। बोली प्रक्रिया में विजेता घोषित की गई आईआईएचएल ने स्वीकृत दावों का सिर्फ 37 प्रतिशत यानी 9,661 करोड़ रुपये ही चुकाने पर सहमति जताई है। इसका मतलब है कि कर्जदाताओं को अपने बकाया दावों का 63 प्रतिशत हिस्सा नहीं मिलेगा।

2021 से प्रक्रिया शुरू

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नवंबर, 2021 में अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को प्रशासनिक मुद्दों और भुगतान चूक की वजह से बर्खास्त कर दिया था। उस समय केंद्रीय बैंक ने नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त किया था, जिन्होंने कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए फरवरी, 2022 में बोलियां आमंत्रित की थीं।

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कितना था कर्ज

रिलायंस कैपिटल पर 38,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था और चार आवेदकों ने शुरू में समाधान योजनाओं के साथ बोली लगाई थी। हालांकि, लेनदारों की समिति ने कम बोली मूल्य होने से उन्हें नकारते हुए दूसरे दौर की नीलामी आयोजित की थी जिसमें आईआईएचएल और टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने शिरकत की थी।



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