Delhi
ram mandir inaugration Aap leader saurabh bharadwaj reaction on shankracharya remark
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अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में चार शंकराचार्यों ने शामिल होने से इनकार कर दिया है। अब इस मुद्दे पर राजनीति गरमाती नजर आ रही है। दिल्ली सरकार में मंत्री और ‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने शंकराचार्यों के समारोह में शामिल ना होने को दुखद बताया है और कहा है कि अगर में सरकार में होता तो उनके पैरों में गिर जाता।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने का चार शंकराचार्यों का फैसला दुखद है और प्राण प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठा) पर उनकी राय का सम्मान किया जाना चाहिए था।समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भारद्वाज ने कहा, ‘अगर हम सरकार में होते तो मैं उनके पैरों पर गिरते कि उनके बिना समारोह कैसे हो सकता है।’
उन्होंने कहा, सभी चार शंकराचार्य कह रहे हैं कि मंदिर अधूरा है। इसलिए, ऐसे समय में प्राण प्रतिष्ठा वेदों और सनातन धर्म के अनुरूप नहीं है। मुझे लगता है कि उनके शब्दों का सम्मान किया जाना चाहिए। उनका कार्यक्रम में शामिल ना होना दुखद है।
22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में चार शंकराचार्यों ने दूरी बनाई हुई है। हालांकि इनमें से दो ने आयोजन का समर्थन किया है लेकिन चारों में से कोई भी समारोह में शामिल होने अयोध्या नहीं जाएंगे।
विहिप कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने गुरुवार को कहा था कि द्वारका और श्रृंगेपी शंकराचार्यों ने प्रतिष्ठा समारोह का समर्थन किया है। इसके साथ उन्होंने ये भी कहा है कि सही समय पर राम लला के दर्शन करेंगे। इससे पहले एक वीडियो संदेश में जोशीमठ के ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा निर्माण कार्य पूरा होने से पहले की जा रही है, ऐसे में चारों शंकराचार्यों में से कोई भी अयोध्या में समारोह में शामिल होने नहीं जाएगा।