Haryana
Punjab Farmers sitting on Shambhu border railway track ended protest now have new plan to surround PM Modi
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Punjab Farmers Protest : रेलवे और यात्रियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अपनी मांगों को लेकर पिछले एक महीने से पंजाब के शंभू बॉर्डर स्थित रेलवे ट्रैक पर आंदोलन कर रहे किसानों ने तुरंत प्रभाव से अपना धरना खत्म करने की घोषणा की है। हालांकि, शंभू बॉर्डर पर किसानों का धरना जारी रहेगा। हरियाणा सरकार की ओर से गिरफ्तार किए गए तीन किसानों की रिहाई की मांग को लेकर शंभू रेलवे स्टेशन पर किसानों ने रेलवे ट्रैक जाम कर रखा था।
इससे कई ट्रेनें कई दिनों से रद्द थीं और कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए थे। धरने के कारण 100 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई थीं। रेलवे को कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों के मार्गों में बदलाव भी करना पड़ा था। किसानों के इस ऐलान से परेशानी झेल रहे रेल यात्रियों और रेलवे को राहत मिली है।
पंजाब और हरियाणा के भाजपा नेताओं के घरों का घेराव करेंगे किसान
इस बीच, किसान नेता सुरजीत सिंह फुल ने बताया कि सोमवार शाम से तुरंत प्रभाव से किसान शंभू रेलवे स्टेशन और रेल ट्रैकों से उठ जाएंगे। किसानों ने रेलवे ट्रैक पर से टेंट हटवाने सहित ट्रैक को भी खाली करना शुरू कर दिया है। अब तुरंत प्रभाव से किसान शंभू रेलवे स्टेशन और रेल ट्रैकों से उठ जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपने साथी किसानों की रिहाई को लेकर आने वाले दिनों में पंजाब और हरियाणा के भाजपा नेताओं के घरों का घेराव करेंगे।
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने सोमवार को चंडीगढ़ के किसान भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये जानकारी दी। किसान नेताओं ने बताया कि किसान आंदोलन-2 के 100 दिन पूरे होने पर शंभू बॉर्डर, खनौरी, डबवाली और रतनपुरा में किसान सम्मेलन किए जाएंगे। किसान नेता दिलबाग सिंह गिल ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और देशभर से सम्मेलन में हिस्सा लेने आ रहे किसानों के रुकने के और उनकी लंगर की व्यवस्था की गई है।
पीएम मोदी की रैली का विरोध करेंगे किसान
किसान नेता ने बताया कि 23 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटियाला में आयोजित चुनावी सभा में किसान विरोध प्रदर्शन करेंगे। किसान नेताओं ने बताया कि अपने फैसले के अनुसार किसान संवैधानिक और लोकतांत्रिक तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सवाल करेंगे। साथ ही उनसे पूछेंगे कि आखिर क्यों उन्होंने किसानों के साथ पिछले आंदोलन में छल कपट किया और झूठ बोला।
भाकियू (एकता-उग्राहां) के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि किसी भी वोट पार्टी के पास बेरोजगारी जैसे जनता के ज्वलंत, मौलिक मुद्दे नहीं हैं, गरीबी, महंगाई, कर्ज, आत्महत्या समस्याओं के समाधान के लिए कोई कार्यक्रम नहीं है। ये सभी पार्टियां सामंतों, सूदखोरों, साम्राज्यवादियों और देशी-विदेशी कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में जनविरोधी नीतियां लागू करने वाली पार्टियां हैं।