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लॉजिस्टिक डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर, , एनसीआर न्यूज

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राजधानी दिल्ली में जाम की समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार एक पॉलिसी लाने जा रही है, जिसके तहत मालवाहक वाहनों को दिल्ली में आने से चरणबद्ध तरीके से रोका जाएगा। पॉलिसी के तहत दिल्ली में बॉर्डर एरिया के निकट तीन अर्बन कंसोलिडेट लॉजिस्टिक डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा।

साथ ही, औसतन तीन वार्डों पर एक माइक्रो डिलिवरी हब बनाया जाएगा। यानी करीब 70 माइक्रो डिलिवरी हब तैयार किए जाएंगे। इसके बाद बाहर से आने वाले मालवाहक वाहन लॉजिस्टिक डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर में सारा सामान उतारेंगे। यहां से डिलीवरी हब तक जाएगा जो पांच से सात किलोमीटर के दायरे में सामान की डिलिवरी देने का काम करेंगे।

बताया जा रहा है कि मौजूदा समय में दिल्ली के अंदर 1.93 लाख मालवाहक वाहन दूसरे राज्यों से आते हैं। इसके साथ ही 79 हजार वाहन शहर के अंदर ही माल भरते और उतारते हैं। अनुमान है कि वर्ष 2042 तक इन मालवाहक वाहनों की संख्या बढ़कर प्रतिदिन 5.13 लाख हो जाएगी, जिसको देखते हुए सरकार मास्टर प्लान -2041 के तहत सुझाए गए इंटिग्रेटेड फ्रेट कॉम्प्लेक्स बनाने की दिशा में काम कर रही है।

इन क्षेत्रों के लोगों से राय मांगी जाएगी

सरकार की तरफ से औद्योगिक विभाग की तरफ से पॉलिसी पर काम किया जा रहा है, जिसकी तरफ से जल्द ही पॉलिसी से जुड़े ड्रॉफ्ट लोगों की प्रतिक्रिया लेने के लिए सार्वजनिक किया जाएगा। इसमें ट्रांसपोर्टर, स्टोरेज करने वाली एजेंसी, व्यापारी और उद्योग जगत के लोग अपनी राय दे सकेंगे।

दिल्ली में 11 से अधिक होलसेल मार्केट

सरकार ने ई-वे बिल के आधार पर आंकड़े जुटाए हैं, जिनसे पता चलता है कि दिल्ली में सबसे ज्यादा आपूर्ति 11 बड़े इलाकों में होती है, जिससे इन इलाकों के साथ ही आसपास में भी मालवाहक वाहनों का आवागमन होने पर जाम की समस्या है। इन क्षेत्रों में तुगलकाबाद, सरिता विहार, दरियागंज, गांधी नगर अन्य इलाके शामिल हैं।



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