Delhi
plot stuck in yamuna authority housing scheme 2319 allottees will get relief soon
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यमुना प्राधिकरण की सबसे पहली आवासीय योजना में फंसे 2319 भूखंडों के आवंटियों के लिए अच्छी खबर है। अब प्राधिकरण ने इन भूखंडों को दूसरी जगह पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। स्थानांतरण को लेकर प्रस्ताव प्राधिकरण की अगली बोर्ड बैठक में लिया जाएगा। ये सभी भूखंड भट्टा पारसौल गांव की जमीन पर आवंटित हुए थे, लेकिन किसानों के कोर्ट जाने से जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया था। यमुना प्राधिकरण के सीईटो अरुणवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2009 में 21 हजार भूखंडों की आवासीय योजना शुरू की थी।
योजना में सफल रहे आवेदकों को यीडा सिटी के सेक्टर-18 और 20 में भूखंड आवंटित गए हैं। इस बीच जमीन प्राधिकरण से प्रभावित क्षेत्र के किसानों के कोर्ट चले जाने से प्राधिकरण को जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया। जिससे प्राधिकरण निर्धारित समय 2013 तक आवंटियों को भूखंड नहीं दे पाया। साथ ही सेक्टर का विकास भी नहीं हो सका। मामला लंबे समय तक कोर्ट में लंबित रहा।
इसका रास्ता निकालते हुए कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि 80 फीसदी याचिकाओं के वापस लेने पर किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा व सात फीसदी आबादी का भूखंड का लाभ दिया जा सकता है। निलौनी, शाहपुर, रौनीजा, पचोकरा, दनकौर, रूस्तमपुर, मिर्जापुर, रामपुर आदि गांवों के किसानों को राजी करने में प्राधिकरण सफल भी रहा, लेकिन भट्टा पारसौल के किसानों ने अभी याचिका वापस नहीं ली है, जिससे भट्टा पारसौल गांव की जमीन पर आवंटित किए गए 2319 भूखंडों पर अभी तक कब्जा नहीं मिल पाया है। ऐसे में आवंटियों की परेशानी को देखते हुए प्राधिकरण ने सभी 2319 भूखंडों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने का फैसला लिया है।
150 सफाईकर्मियों को काम से हटाया
यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र के गांवों में सफाई कार्य में लगे 150 कर्मी जीपीएस के माध्यम से कराए गए सत्यापन में अनुपस्थित पाए गए । ऐसे कर्मियों को काम से हटा दिया गया है। सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने सोमवार को हुई बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने महाप्रबंधक परियोजना को निर्देश दिए कि उन्हीं कर्मियों के वेतन का भुगतान किया जाएगा, जिनकी उपस्थिति का सत्यापन जीपीएस के माध्यम से हो रहा है।