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Navratri 7th Day Maa Kalratri Puja vidhi Mantra Aarti Bhog Prasad Shubh Muhurat

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Navratri 7th Day Maa Kalratri Puja vidhi Mantra Aarti Bhog Prasad Shubh Muhurat


Navratri 7th Day Maa Kalratri : इस समय नवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। 15 नवंबर को नवरात्रि का सातवां दिन है। नवरात्रि के सातवें दिन मां के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है। मां के बाल लंबे और बिखरे हुए हैं। मां के गले में माला है जो बिजली की तरह चमकते रहती है। मां कालरात्रि के चार हाथ हैं। मां के हाथों में खड्ग, लौह शस्त्र, वरमुद्रा और अभय मुद्रा है।

मां कालरात्रि की पूजा से क्या लाभ मिलता है: नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की विधिवत पूजा करने से मां अति प्रसन्न होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कालरात्रि भक्तों की काल से रक्षा करती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

मां कालरात्रि का भोग: मां कालरात्रि को गुड़ अतिप्रिय है। मान्यता है कि माता रानी को नवरात्रि के सातवें दिन गुड़ का भोग लगाना अत्यंत शुभ होता है।

नवरात्रि के सातवें दिन का शुभ रंग: मां कालरात्रि को लाल रंग अतिप्रिय है। ऐसे में मां कालरात्रि की पूजा के दौरान लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है।

मां कालरात्रि का सिद्ध मंत्र-

‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।’

मंत्र-

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥

वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।

वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

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पूजा का शुभ मुहूर्त-

  • ब्रह्म मुहूर्त– 04:36 ए एम से 05:21 ए एम
  • प्रातः सन्ध्या– 04:58 ए एम से 06:06 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त– 12:01 पी एम से 12:52 पी एम
  • विजय मुहूर्त– 02:34 पी एम से 03:24 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त– 06:46 पी एम से 07:09 पी एम
  • सायाह्न सन्ध्या– 06:47 पी एम से 07:55 पी एम
  • अमृत काल– 12:32 ए एम, अप्रैल 16 से 02:14 ए एम, अप्रैल 16
  • निशिता मुहूर्त– 12:04 ए एम, अप्रैल 16 से 12:49 ए एम, अप्रैल 16
  • सर्वार्थ सिद्धि योग– 03:05 ए एम, अप्रैल 16 से 06:05 ए एम, अप्रैल 16

मां कालरात्रि पूजा विधि…

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
  • मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं। 
  • मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को लाल रंग पसंद है।
  • मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
  • मां को रोली कुमकुम लगाएं। 
  • मां को मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल अर्पित करें।
  • मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं।
  • मां कालरात्रि का अधिक से अधिक ध्यान करें।
  • मां की आरती भी करें।

मां कालरात्रि की पूजा का महत्व…

  • मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है।
  • मां कालरात्रि की कृपा से बुरी शक्तियों का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
  • मां कालरात्रि दुष्टों और शत्रुओं का संहार करने वाली हैं।
  • मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना करने से तनाव भी दूर हो जाता है।

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मां कालरात्रि की आरती

कालरात्रि जय जय महाकाली

काल के मुंह से बचाने वाली

दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा

महा चंडी तेरा अवतारा

पृथ्वी और आकाश पर सारा

महाकाली है तेरा पसारा

खंडा खप्पर रखने वाली

दुष्टों का लहू चखने वाली

कलकत्ता स्थान तुम्हारा

सब जगह देखूं तेरा नजारा

सभी देवता सब नर नारी

गावे स्तुति सभी तुम्हारी

रक्तदंता और अन्नपूर्णा

कृपा करे तो कोई भी दु:ख ना

ना कोई चिंता रहे ना बीमारी

ना कोई गम ना संकट भारी

उस पर कभी कष्ट ना आवे

महाकाली मां जिसे बचावे

तू भी ‘भक्त’ प्रेम से कह

कालरात्रि मां तेरी जय



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