Uttar Pradesh
Mukhtar Ansari likely to be cremated at late midnight in Ghazipur after postmortem in Banda

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पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को आधी रात गाजीपुर में दफनाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के दूसरे छोर बांदा की जेल में गुरुवार की शाम हार्ट अटैक के बाद मुख्तार की मौत हो गई थी। बांदा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन पोस्टमार्टम शुरू नहीं हुआ है। परिवार द्वारा जहर देकर मुख्तार को मारने की साजिश के आरोप के बीच पांच डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड मुख्तार के शव का पोस्टमार्टम करेगा। पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी। सीएमओ द्वारा मेडिकल बोर्ड गठन के आदेश का इंतजार हो रहा है। कागजी कार्यवाही के बाद दोपहर 1 बजे पोस्टमार्टम होने की संभावना है। बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार के बेटे उमर के साथ रहे वकील ने कहा है कि जान-बूझकर पोस्टमार्टम में देरी की जा रही है। मुख्तार की बहू निखत बानो भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गई हैं।
मुख्तार की मौत की खबर सुनते ही गाजीपुर में फाटक नाम से मशहूर मुख्तार के घर पर समर्थकों की भारी भीड़ जुट गई थी। गुरुवार रात में नारेबाजी कर रही इस भीड़ को पुलिस और परिवार के लोगों ने शांत कराने की कोशिश लेकिन कुछ खास असर नहीं हुआ। शुक्रवार को भी भीड़ में कोई कमी नहीं आई है। ऐसे माहौल में मुख्तार अंसारी का शव गाजीपुर ऐसे समय पहुंचे जब भीड़ कम हो, ये कोशिश प्रशासन की हो सकती है। बांदा मेडिकल कॉलेज से गाजीपुर में मुख्तार अंसारी का घर लगभग 400 किलोमीटर दूर है। किसी भी सूरत में यह दूरी 8-9 घंटे से कम समय में तय नहीं हो सकती है। अगर बांदा से शव दिन के 2 बजे निकलता है तो भी गाजीपुर पहुंचते-पहुंचते रात के 11 बज जाएंगे।
बांदा में मौजूद मुख्तार के बेटे उमर अंसारी को पोस्टमार्टम के बाद शव लेने में दोपहर तक का समय निकल सकता है। संभावना है कि मुख्तार का शव बांदा से गाजीपुर आधी रात तक पहुंचे। मुख्तार की मौत के बाद यूपी में धारा 144 लागू है। गाजीपुर से मऊ तक पुलिस सतर्कता बरती जा रही है। लेकिन मुख्तार अंसारी के घर जुटी भारी भीड़ से कानून-व्यवस्था की कोई समस्या ना पैदा हो इसके लिए शव को गाजीपुर पहुंचने के फौरन बाद आधी रात को ही दफनाया जा सकता है।
गाजीपुर में फाटक नाम से क्यों मशहूर है मुख्तार अंसारी का घर? जानिए
मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी कासगंज की जेल में बंद है जो जनाजे में शामिल होने के लिए पैरोल मांगने हाईकोर्ट जा रहा है। अब्बास को अगर पैरोल मिलता है तो फिर कोर्ट का आदेश कासगंज जेल पहुंचने और वहां से छूटकर गाजीपुर आने का इंतजार भी करना पड़ सकता है। कासगंज से गाजीपुर की दूरी लगभग 650 किलोमीटर है जिसे तय करने में अब्बास को जेल से निकलने के बाद कम से कम 10-11 घंटे का वक्त लग सकता है।
पिता मुख्तार की मौत पर फूट-फूट रोया अब्बास अंसारी, पैरोल का इंतजार
मुख्तार अंसारी के परिवार ने मुख्तार को जहर देकर मारने की साजिश का आरोप लगाया है। अखिलेश यादव, मायावती, तेजस्वी यादव, असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने मुख्तार के मौत की न्यायिक जांच की मांग की है। मुख्तार ने खुद भी धीमा जहर देकर मारने की साजिश का आरोप लगाया था और कहा था कि उसकी मौत कभी भी हो सकती है। 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में मुख्तार ने जहर देकर मारने की साजिश का आरोप लगाया था। दो दिन पहले जब मुख्तार की तबीयत खराब हुई थी और अस्पताल लाया गया था, तब भी उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी ने इसी तरह के आरोप लगाए थे।