Madhya Pradesh
mp news gwalior police gave gift to elderly woman on holi getting a lot of applause

ऐप पर पढ़ें
ग्वालियर जिले में एक थाने की पुलिस ने होली पर कुछ अलग किया। थाने के लोगों ने रंग और गुलाल पर खर्च होने वाले पैसे आपस में मिलकर जमा किए और वर्षों से झोपड़ी में गुजर बसर कर रही एक बुजुर्ग महिला के लिए टीन शेड की छत अपने हाथों से बनाकर दिया। पुलिस की ओर से दी गई इस होली गिफ्ट की चर्चा खूब हो रही है। पुलिस की इस पहले से वर्षों से टपकती झोंपड़ी में रह रही बुजुर्ग महिला और उसके नाती खुश नजर आए। बुजुर्ग महिला की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए।
होली का पर्व शांति से संपन्न हो इसलिये ग्वालियर पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने निर्देश दिए थे कि सभी थानों में शांति समिति की बैठकें की जाएं। हस्तिनापुर थाने में भी एक बैठक हुई जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शियाज केएम, एसडीओपी बेहट संतोष कुमार पटेल व थाना प्रभारी राजकुमार राजावत शामिल हुए। शांति समिति की बैठक में थाना प्रभारी ने प्रस्ताव रखा कि थाने पर हर साल होने वाली होली में पुलिस जितने रुपयों के रंग खरीदती है, उस रकम को किसी बेसहारा के कल्याण में खर्च किया जाए।
बैठक में हस्तिनापुर के ग्रामीण भी मौजूद थे। लोगों ने हस्तिनापुर के आदिवासी बस्ती में 80 वर्षीय एक बुजुर्ग विधवा आदिवासी महिला कोमल बाई की बदहाली का जिक्र किया और उसकी मदद करने की बात कही। बुजुर्ग महिला के पति की बीमारी से मौत हो चुकी है। बाद में दोनों बेटे भी गुजर गये। उसके बाद वह नाती पोतों के सहारे एक झोपड़ी में रहकर जीवन गुजार रही है। गांव के लोगों से महिला की बदहाली की कहानी सुन पुलिस अधिकारी बैठक से सीधे मौके पर पहुंचे।
पुलिस अधिकारी महिला के परिवार की दुर्दशा देखकर दुखी हो गए। महिला की स्थिति बहुत दयनीय स्थिति थी। वह जिस झोपड़ी में रह रही थी। वह जगह-जगह टूटी हुई थी। सभी अधिकारी जुटे और अपने हाथों के गैंती फावड़ा लेकर गड्ढे खोदे और पिलर गाड़े। एसडीओपी संतोष पटेल और हस्तिनापुर की पुलिस ने अपने हाथों से टीन शेड लगाया।
पुलिस अधिकारियों ने लकड़ी की टटिया बनाकर ग्रीन नेट से उसे सजाया। इस मौके पर गांव के समाज सेवी ऋषभ यादव ने अम्मा के लिए गद्दा, रजाई और कुर्सी दिये। गृह प्रवेश पर थाना प्रभारी ने कन्या भोज भी कराया। हस्तिनापुर थाने से रंगों की फेरी निकाली जिसमें पुलिस के साथ गांव वाले ढोल बाजे के साथ निकले। साथ ही गांव के सरपंच और ग्रामीण भी मौजूद रहे। एसडीओपी बेहट संतोष पटेल ने कहा कि यह पहल छोटी है पर मानवता का रंग दिखाने वाली है।