Rajasthan
Lok Sabha Polls 2024: CM Bhajanlal Sharma will benefit from Vasundhara Raje staying away from campaigning in Rajasthan
ऐप पर पढ़ें
राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने इस बार प्रदेश में लोकसभा चुनाव से दूरी बना ली है। स्टार प्रचारकों की सूची में नाम होने के बावजूद राजे ने खुद को सिर्फ झालावाड़ तक ही सीमित कर लिया है। बता दें कि झालावाड़ से राजे के बेटे दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में सियासी जानकार राजे की दूरी के अलग- अलग मायने निकाल रहे हैं। सियासी जानकारों के एक वर्ग का कहना है कि राजे के प्रचार से दूर रहने पर सीएम भजनलाल शर्मा को फायदा होगा। जबकि एक वर्ग का यह कहना है कि बीजेपी की इस बार राजस्थान में हैट्रिक नहीं लग पाती है तो भजनलाल शर्मा की कुर्सी संकट में पड़ सकती है। इसका फायदा वसुंधरा राजे को मिल सकता है। जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे गुट दबाव की रणनीति पर काम कर रहा है। लेकिन खुलकर बैटिंग नहीं कर पा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार राजस्थान में बीजेपी की हैट्रिक लगना मुश्किल है क्योंकि कांग्रेस ने 3 सीटें इंडिया गठबंधन के लिए छोड़ दी हैं। बीजेपी के कब्जे से 6-7 सीटें निकल सकती हैं।
बीजेपी के स्टार प्रचारकों ने लगाया पूरा जोर
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्री प्रचार के लिए राजस्थान के कई चक्कर काट चुके हैं। प्रदेश के सीएम भजनलाल शर्मा और दोनों उप मुख्यमंत्री भी सभी सीटों पर प्रचार के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं। लेकिन वसुंधरा राजे दूरी बनाए हुए हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि पिछले साल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जैसी सक्रियता दिखाई थी, वैसी लोकसभा चुनाव प्रचार में अभी तक नहीं देखने को मिली है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि आखिर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे कहां हैं? इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। कुछ जानकार इसे वसुंधरा की नाराजगी भी बता रहे हैं।
किसी भी चुनावी कार्यक्रम में नहीं दिखीं राजे
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम प्रदेश के स्टार प्रचारकों में भी शामिल हैं। हालांकि, वो झालावाड़ सीट को छोड़कर प्रदेश में कहीं भी प्रचार करती नजर नहीं आ रही हैं। इस सीट से राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह चुनावी मैदान में हैं। प्रधानमंत्री मोदी अब तक प्रदेश में पांच चुनावी सभा और एक रोड शो कर चुके हैं। लेकिन राजे पीएम की किसी भी चुनावी कार्यक्रम में नजर नहीं आई हैं। हालांकि, भाजपा के स्थापना दिवस 6 अप्रैल को वसुंधरा राजे दिल्ली के केंद्रीय कार्यालय में जरूर मौजूद थीं। इस दौरान उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ मुलाकात भी की थी। लेकिन प्रदेश के पहले चरण का प्रचार थमने के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में यह सवाल गूंज रहा है कि आखिरी राजे प्रचार से क्यों दूर हैं? क्या वे केवल अपने बेटे की सीट तक सिमट कर रह गई हैं?