Uttar Pradesh
Lok Sabha election Rashtriya Lok Dal RLD unhappy seat sharing formula SP Akhilesh Yadav
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विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के भीतर लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे का मामला उलछता हुआ नजर आ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की 80 सीटों को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला पेश किया है, उससे राष्ट्रीय लोक दल (RLD) भी नाखुश लग रही है। जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली पार्टी ने अपने लिए और ज्यादा सीटों की मांग रखी है। मालूम हो कि गठबंधन सहयोगी समाजवादी पार्टी की ओर से रालोद को 7 सीटें ऑफर हुई हैं। अखिलेश ने कांग्रेस को 11 सीटें देने की पेशकश की थी। हालांकि इसे लेकर अभी तक अंतिम मुहन नहीं लगी है और दलों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है। कांग्रेस अपने लिए और कुछ सीटों की मांग कर रही है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, RLD की ओर से अपने लिए 2 और सीटों की मांग की गई है। हालांकि, रालोद इस बात पर सहमत है कि उसके टिकट पर सपा का उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है। आरएलडी की यह पेशकश साल 2018 में कैराना उपचुनाव की याद दिलाते हैं, जहां सपा की तबस्सुम बेगम उसके टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। उन्होंने इस इलेक्शन में बीजेपी की मृगंका सिंह को हराया भी था। इस दौरान बीएसपी और कांग्रेस ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया जिससे वोट बंटवारे को रोकने में मदद मिली।
अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की हुई बैठक
सपा और रालोद ने लोकसभा चुनाव के लिए कुछ दिनों पहले ही गठबंधन की घोषणा की थी। रालोद की ओर से बताया गया कि वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 7 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एसपी चीफ अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने सोशल मीडिया मंच एक्स के जरिये गठबंधन की घोषणा की थी। मालूम हो कि दोनों दलों ने 2022 का विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था, जिसमें सपा ने 403 सीटों वाली उप्र विधानसभा की 111 सीट जीती थीं, जबकि रालोद को 8 सीट मिली थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद का सपा-बसपा से गठबंधन था। रालोद को मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर सीट मिली थीं, लेकिन वह तीनों सीट पर हार गई, जबकि सपा और बसपा ने क्रमश: 5 और 10 सीट जीतीं।