Uttar Pradesh

lok sabha election 2024 updates nitin gadkari claims bjp performance in up will be better than 2019 – Exclusive: यूपी में 2019 से बेहतर रिजल्ट देंगे, नितिन गडकरी का दावा

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लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। भाजपा अपनी तीसरी टर्म की सरकार को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। नितिन गडकरी ने हिन्दुस्तान से बातचीत में दावा किया कि वे चुनाव में भाजपा की जीत को लेकर 110 फीसदी आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास मोदी जैसा चेहरा नहीं है। इस बार भाजपा यूपी में 2019 से बेहतर प्रदर्शन करेगी। अन्य राज्यों में भी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा होने वाला है। दक्षिण भारतीय राज्यों को लेकर उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में भाजपा इस बार चौंकाने वाले परिणाम देने वाली है। 

 

केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भाजपा के उन वरिष्ठ नेताओं में हैं, जिनकी मजबूत पहचान और काम करने का अलग अंदाज है। महाराष्ट्र की नागपुर संसदीय सीट से तीसरी बार मैदान में उतरे गडकरी न सिर्फ अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं बल्कि भारी बहुमत से तीसरी बार केंद्र में भाजपा सरकार बनाने का दावा भी करते हैं। वे कहते है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में जनता को उम्मीद दिखती है और भाजपा में अपना भविष्य।

पेश है राजनीतिक संपादक मदन जैड़ा से उनकी बातचीत।

सवाल- तीसरी बार जीत को लेकर कितने आश्वस्त हैं ?

जवाब- 110 फीसदी।

सवाल- लेकिन कांग्रेस का प्रत्याशी जातीय समीकरणों के हिसाब से काफी मजबूत बताया जा रहा है?

जवाब- मैं जात-पात, धर्म, भाषा से ऊपर उठकर नियमित रूप से लोगों की सेवा करता हूं। मेरा काम सरकारी कार्यक्रमों तक ही सीमित नहीं बल्कि व्यक्तिगत क्षमता से भी काम करता हूं। मैंने 1.15 लाख लोगों की इलाज में मदद की। 40 लाख लोगों के दिल का ऑपरेशन, 20 हजार का कैंसर उपचार, 350 लोगों को कृत्रिम पैर, एक लाख लोगों की आंखों की जांच और कोविड काल में पीड़ितों के इलाज के लिए करोड़ों के कार्य किए। इसी प्रकार खेल महोत्सव, सांस्कृतिक महोत्व तथा भक्ति महोत्व जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें हजारों लोग हिस्सा लेते हैं। मेरे कार्यक्रमों के लाभार्थियों में हर जाति एवं धर्म के लोग शामिल होते हैं। मेरे प्रयासों से नागपुर शिक्षा का केंद्र भी बना है।

सवाल- आप राष्ट्रीय नेता है, फिर भी अपने संसदीय क्षेत्र के लिए इतना समय कैसे निकाल लेते हैं ?

जवाब- इमारत ऊंची होगी तो उसकी नींव भी मजबूत होगी। मैंने राज्यसभा सांसद के तौर पर करियर नहीं बनाया है। मैंने शुरू से यहां जमीन पर काम किया है। यहीं के लिए नहीं बल्कि पूरे विदर्भ के लिए कर रहा हूं।

सवाल- इन चुनावों में महाराष्ट्र में भाजपा के प्रदर्शन को कैसे देखते हैं ?

जवाब- पिछली बार महाराष्ट्र में शानदार जीत मिली थी। तब शिवसेना साथ थी और 41 सीटें जीती थीं। लेकिन इस बार शिवसेना के साथ-साथ एनसीपी का इंजन भी लग गया है। मुझे लगता है कि इस बार प्रदर्शन और बेहतर होगा। पिछली बार से एक-दो सीटें और ज्यादा जीतेंगे।

सवाल- पूरे देश में पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहेगा?

जवाब- भाजपा 370 और एनडीए 400 पार

सवाल- दक्षिणी राज्यों में पीएम काफी मेहनत कर रहे हैं, कैसे नतीजों की उम्मीद है?

जवाब- केरल एवं तमिलनाडु में इस बार हमारी अच्छी सीटें आएंगी।

सवाल- कर्नाटक एवं तेलंगाना में कैसा रहेगा?

जवाब- कर्नाटक में हम पिछला प्रदर्शन कायम रखेंगे। तेलंगाना में सीटें बढ़ेंगी।

सवाल- यदि उत्तरी राज्यों की बात करें तो सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कैसे प्रदर्शन की उम्मीद रखते हैं?

जवाब- उत्तर प्रदेश में हमारा प्रदर्शन इस बार 2019 से बेहतर होगा। अन्य उत्तरी राज्यों में भी पिछले प्रदर्शन को दोहराएंगे।

सवाल- आपको लगता है कि उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन काम नहीं करेगा?

जवाब- हां, दरअसल, कांग्रेस अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है।

सवाल- लेकिन राहुल गांधी ने देश में दो बड़ी यात्राएं पिछले दिनों की हैं, विधानसभा चुनावों में उन्हें कुछ राज्यों में फायदा भी इससे मिला है?

जवाब- यात्रा करें। यह सब विपक्ष का काम है, वह करें। लेकिन जब देश की जनता मोदी जी के दस सालों के शासन और कांग्रेस के 60 सालों के शासन की तुलना करती है तो उसे मोदी जी में उम्मीद नजर आती है। भाजपा में भविष्य दिखता है, इसलिए लोग फिर से भाजपा को जिताएंगे। स्पष्ट है कि जनता कांग्रेस में अपना भविष्य नहीं देखती है। लोगों का विश्वास भाजपा पर है।

सवाल- बिहार में नितीश को फिर से साथ लाने की जरूरत क्यों पड़ी?

जवाब- भाजपा सबको साथ लेकर चलती है, इसलिए। एनडीए वहां पिछला प्रदर्शन दोहराएगा।

सवाल- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे को लेकर कहा है कि लोकतंत्र में व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है। पीएम का चेहरा जीत के बाद भी तय हो सकता है, इसे कैसे देखते हैं?

जवाब- उनके पास मोदी जैसा कोई चेहरा नहीं है, इसलिए वे ऐसा कह रहे हैं।

सवाल- चुनाव से ठीक पहले दो-दो मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी तथा कांग्रेस के खातों को सील करने का क्या संदेश है?

जवाब- इसका सरकार या भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है। एजेंसियां अपना काम कर रही हैं।

सवाल- कांग्रेस शासन में जब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तोता कहा था तो भाजपा काफी मुखर हुई थी लेकिन आज आपकी सरकार पर ही सबसे ज्यादा आरोप लगते हैं?

जवाब- हमारी सरकार एजेंसियों के कामकाज में कोई हस्तक्षेप नहीं करती है। जिन लोगों ने भ्रष्टाचार किया है, उन मामलों में एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं। यदि कोई निर्दोष है तो यह अदालत तय करेगी।

सवाल- यदि आप इतने मजबूत हैं तो बाहरी नेताओं को क्यों ले रहे हैं?

जवाब- नागपुर में तो कोई नहीं आया। हमारे विचारों को व्यापक समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज से प्रभावित होकर लोग आ रहे हैं।

सवाल- ‌अगले पांच सालों के लिए आप का क्या एजेंडा है?

जवाब- 20 अप्रैल को भाजपा विजन डाक्यूमेंट जारी कर रही है, जिसमें सबकुछ लिखा होगा।

‌सवाल- जलमार्ग, सड़क के बाद आप क्या रेल के सुधार का जिम्मा लेंगे, जैसा कि लोगों में चर्चाएं हैं?

जवाब- अभी मंत्रालय सौ दिन के एजेंडे पर कार्य कर रहा है। आगे क्या होता है, यह चुनाव नतीजों के बाद तय होगा।

 

‌सवाल- वैसे आपकी रुचि किसमें है ?

जवाब- जो काम मिलेगा, उसे रुचि लेकर करूंगा।

‌सवाल- एक बात यह फैलाई जा रही है कि यदि भाजपा तीसरी बार सत्ता में आई तो संविधान बदल दिया जाएगा?

जवाब- जब कांग्रेस देखती है कि वह चुनाव हार रही है तो इस प्रकार की बातें फैलाती है। लोगों को समझना होगा कि संविधान दो तरह का है। एक जो मूलभूत तत्व हैं, जिसमें लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरक्षेपता, मूलभूत अधिकार आदि स्वरूपों की बात कहीं गई है, उन्हें बदला नहीं जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की पीठ ने केशवानंद भारती मामले में यह व्यवस्था दी है। बाकी जो बदलाव जनता के कामकाज से जुड़े होते हैं, वह होते रहते हैं। कांग्रेस के शासन में 80 बदलाव हुए हैं। ऐसे तो सबसे ज्यादा संविधान उसी ने तोड़ा है। 

इसी प्रकार मुस्लिमों को लेकर भी भ्रांतियां फैलाई गई। जबकि भाजपा के दस सालों के शासन में जो भी विकास कार्य शुरू किए गए उसमें सभी लोगों को फायदा हुआ। वे कार्य किसी जाति-धर्म के लोगों के लिए नहीं थे। इसी प्रकार धर्मनिरक्षेप का मतलब सर्वधर्म समभाव होता है। लेकिन कांग्रेस ने इसका मतलब अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण निकाला।

‌सवाल- कोई काम आप करना चाहते थे जो दस सालों में नहीं कर पाए?

जवाब- मैं ज्यादा नहीं सोचता हूं। खाता-पीता हूं आनंद लेता हूं। मैं सिर्फ सरकार में काम नहीं करता हूं। गरीबों, दिव्यांगों, किसानों के लिए मेरा कार्य जारी रहता है। सोशल मीडिया पर दुनिया भर में मेरे साढ़े चार करोड़ फॉलोवर्स हैं। अमेरिका से लेकर यूरोप तक मेरे काम की चर्चा होती है। सही मायने में मैं कभी-कभी अपने को राजनीतिज्ञ नहीं, सामाजिक कार्यकर्ता मानता हूं। हां, राजनीति सामाजिक बदलाव का जरिया है। इसलिए मेरा काम जारी रहेगा।



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