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Do’s And Don’t’s During Your Periods: महिलाओं की अच्छी सेहत उनके मासिक धर्म पर निर्भर करती है। यही वजह है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। एक स्वस्थ मासिक चक्र और अच्छा प्रवाह महिला की अच्छी जीवनशैली से सीधा संबंध रखता है। ऐसे में अगर आप अनियमित पीरियड्स की समस्या और उस दौरान होने वाले दर्द से परेशान रहते हैं तो ये 5 टिप्स आपनाकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं। योग और लाइफस्टाइल एक्सपर्ट काम्य ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करके कुछ ऐसे टिप्स दिए हैं, जिन्हें अपने रोजाना के रूटिन में शामिल करके आप अपनी पीरियड साइकिल को हेल्दी बना सकती है।
अनियमित पीरियड्स की समस्या को दूर करके दर्द से राहत देंगे ये टिप्स-
सीड्स-
अपने पीरियड्स की 28 दिन की साइकिल को मेंटन रखने के लिए सबसे पहले अपनी डैली डाइट में कुछ सीडिस शामिल करें। आप इन बीजों में असली के बीज, कद्दू के बीज, तिल और सूरजमुकी के बीजों को शामिल कर सकती हैं। ऐसा करने से आपके शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा सकता है। बता दें, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन प्रजनन क्षमता और मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने के लिए एक साथ काम करते हैं। पीरियड्स के दौरान डेयरी उत्पादों के सेवन से बचें। इस समय मीठी चीजें, जंक फूड,शराब,कैफीन और फास्ट फूड का सेवन ना करें।
अच्छी नींद-
नींद की कमी मेलाटोनिक स्तर को प्रभावित करती है। मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो आपके मासिक धर्म की शुरुआत और आपके चक्र की लंबाई को नियंत्रित करने में मदद करता है। ऐसे में अपने मासिक धर्म को नियमित करने के लिए अच्छी नींद जरूर लें।
योगा-जिम-
आप जब किसी भी तरह का वर्कआउट करते हैं तो आपके शरीर से एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन निकलने लगते हैं। जो मासिक धर्म के दर्द, ऐंठन और मूड में गड़बड़ी को ठीक करने में मदद करते हैं। हांलाकि पीरियड्स के दौरान आपको हैवी वर्कआउट करने से बचना चाहिए।
केसर और किशमिश-
अपने पीरियड्स से 7 दिन पहले किशमिश और केसर का पानी अपने रूटिन में शामिल करें। ऐसा करने से आपको ना सिर्फ पीरियड्स के दर्द में राहत मिलेगी बल्कि जरूरत से ज्यादा रक्तस्त्राव भी नहीं होगा। जबकि केसर पीएमएस के लक्षणों और पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद करता है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम-
अनुलोम-विलोम प्राणायाम को अपने रूटिन का हिस्सा बनाएं। रोजाना 15 मिनट अनुलोम-विलोम प्राणायाम का अभ्यास करें। इस प्राणायाम की मदद से माहवारी के दौरान होने वाले दर्द, ऐंठन को कम किया जा सकता है। इसके अलावा हार्मोन नियंत्रित रहने के साथ तनाव और चिंता भी कम होती है।