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IAS Transfer: Why did CM Bhajan lal Sharma express trust only on Gehlot trusted officers

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राजस्थान में भजनलाल शर्मा ने 40 आईएएस अफसरों के तबादले किए है। हाल ही में हुए तबादलों की खास बात यह है कि सीएम भजनलाल शर्मा ने गहलोत के भरोसेमंद रहे अफसरों को ही प्राइम पोस्टिंग दे दी है। चर्चा थी कि अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा को हटाया जा सकता है, लेकिन सरकार ने उनके पास वित्त ही रखा है। वहीं बढ़ते अपराधों को लेकर पूर्ववर्ती सरकार पर हमलावर रही भाजपा सरकार में गृह विभाग के मुखिया की जिम्मेदारी आनंद कुमार के पास ही रखकर सभी को चौंका दिया है। बताया जा रहा है कि भजनलाल सरकार को जल्द विधानसभा में लेखानुदान पेश करना है। इस वजह से वित्त में मुखिया के अलावा अन्य पदों पर बदलाव नहीं किया है। लेकिन गृह विभाग में बदलाव नहीं करना ज्यादा चर्चा में है। हालांकि एसीएस अरोड़ा से सूचना व जनसंपर्क और आइटी विभाग ले लिया गया है। बता दें 2018 मे गहलोत ने सत्ता संभालते ही चीफ सेक्रेटरी को छोड़कर संपूर्ण ब्यूरोक्रेसी का चेहरा बदल दिया था। लेकिन सीएम भजनलाल शर्मा ने ऐसा नहीं किया है।

ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल शुरू

भजनलाल सरकार ने प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल शुरू कर दिया है। इसके लिए आइएएस अफसरों की तबादला सूचियां भी आने लग गई हैं। पहले सरकार ने जिलों में बड़े स्तर पर फेरबदल किया और फिर सचिवालय ब्यूरोक्रेसी में नौकरशाही का चेहरा बदल दिया। बड़ी बात यह रही कि गहलोत सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर लंबे समय तक बैठे रहे अफसरों में से कई को अब भी उन्हीं पदों पर बरकरार रखा गया है। हालांकि उनके कार्यभार में जरूर कमी की गई है। बड़ी संख्या में आइएएस अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है। इससे साफ है कि जल्द आइएएस की और तबादला सूची आएगी।

मंजू राजपाल को जेडीए की कमान

जयपुर विकास प्राधिकरण में आयुक्त के पद पर करीब बीस साल बाद महिला अधिकारी मंजू राजपाल को जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले उषा शर्मा इस पद पर रहीं हैं। राजपाल इससे पहले ग्रामीण विकास में शासन सचिव के पद पर कार्यरत थी। जबकि कांग्रेस राज के कार्यकाल खत्म होने से कुछ माह पहले ही लगे जेडीसी जोगाराम को अब जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग में लगाया गया है।पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव रहे कुलदीप रांका को सामाजिक न्याय और अधिकारिता में अतिरिक्त मुख्य सचिव का पद दिया गया है। अमूमन यह देखा जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को नई सरकार आने पर कम महत्व के पद पर भेजा जाता है, लेकिन रांका को ठीक-ठाक विभाग मिल गया है। वहीं इस पद पर लंबे समय रहे समित शर्मा को पीएचईडी की जिम्मेदारी दी गई है।



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