Madhya Pradesh
harda blast case ngt gave instructions to make strict policy and seeks action taken report – हरदा विस्फोट मामले में NGT सख्त, कड़ी नीति बनाने के निर्देश, कहा
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मध्य प्रदेश में हरदा में हुए हादसे के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासन को कड़ी नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस शिव कुमार सिंह और एक्सपर्ट मेम्बर डॉ. अफरोज अहमद ने एक याचिका पर कहा कि पटाखों का बफर जोन आबादी से दूर बनाए जाने चाहिए। साथ ही सख्ती के साथ नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि शासन को सख्त नीति बनाकर स्टेन्डर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर तय करना चाहिए। यही नहीं अदालत ने इस मामले में क्या काईवाई की गई है, इसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट भी 3 हफ्ते में मांगी है। मामले में अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी।
सोशल वर्कर डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने कहा कि हरदा जैसे हादसे की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। मध्य प्रदेश में जहां भी इस तरह के पटाखे के गोदाम या फैक्ट्री संचालित की जा रही हैं, उन उद्योगों और आवासीय क्षेत्रों के बीच कम से कम 500 से 1000 मीटर का बफर जोन होना चाहिए। इसके साथ एनजीटी के पास पूर्व में जमा किए गए 20 लाख रुपये को हरदा हादसे के पीड़ितों पर खर्च किया जाना चाहिए।
एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, रेवेन्यु एवं शहरी विकास के प्रमुख सचिवों की कमेटी खर्च की जिम्मेदारी लेगी। इस पर तीन हफ्ते के भीतर एक्शन प्लान बनाकर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इसके साथ ही एनजीटी ने पूछा है कि हरदा हादसे को लेकर अब तक क्या कुछ कार्रवाई की गई है। इसकी पूरी एक्शन और प्लानिंग रिपोर्ट पेश किया जाए। वहीं हादसे को रोकने के लिए कड़ी नीति भी बनाई जाए।
याचिकाकर्ताओं ने अपनी दलील में कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट के खतरनाक पटाखों पर अंडरटेकिंग के आदेश पर अमल होता तो हरदा में विस्फोट नहीं होता। NGT ने हरदा जैसे हादसों पर पूर्ण नियंत्रण करने 26 बिंदुओं का विस्तृत विवरण दिया। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं, उसके बावजूद प्रदेश में कई जगह इनका पालन नहीं किया जा रहा है। दलील पर सहमत होते हुए एनजीटी ने पर्यावरण प्रदूषण, कंट्रोल बोर्ड, रिवेन्यू और शहरी विकास को निर्देश देते हुए इस दिशा से कड़ाई से नियमों को पालन कराने के लिए नीति बनाने का आदेश दिया।
डॉ. पीजी नाजपांडे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में एक आदेश दिया था कि जितने भी खतरनाक पटाखे हैं उनसे अंडरटेकिंग लीजिए। इसी आदेश को लेकर एनजीटी ने कहा कि इस आदेश का पूरा पालन होना चाहिए। सरकार एक नीति बनाए और इस पर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम लागू करें। कार्रवाई तीन हफ्ते के भीतर होना चाहिए। वहीं हरदा के लगभग 100 निवासियों ने शनिवार को एक घंटे तक मुख्य मार्ग पर जाम लगाया और मलबे को तुरंत इलाके से हटाने की मांग की। लोगों ने इलाके में गैस और बदबू जारी रहने की शिकायत की।
रिपोर्ट- विजेन्द्र यादव