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Farmers Delhi Chalo March: Trucks stuck daily business worth Rs 500 crore may be affected

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पंजाब से दिल्ली के लिए कूच कर चुके किसानों के कारण माल ढुलाई पर असर पड़ने लगा है। पंजाब और उसके रास्ते दिल्ली आने वाले सैकड़ों ट्रक रास्तों में फंसे हुए हैं। जालंधर से नौ फरवरी को निकले ट्रक सोमवार शाम तक भी दिल्ली नहीं पहुंच पाए। ट्रांसपोर्ट यूनियनों का कहना है किसान सड़क पर आते हैं तो रोजाना 500 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।

ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर का कहना है कि पंजाब से निकले किसानों के चलते पंजाब के साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर हरियाणा के काफी हिस्सों से ट्रक निकल नहीं पा रहे हैं। हरियाणा में भी कुछ स्थानों पर ट्रकों को रूट बदलकर निकाला जा रहा है, लेकिन उसमें भी सिर्फ कुछ ही ट्रक निकल पा रहे हैं और अधिकांश रास्तों में फंसे हुए हैं। पुलिस फोर्स को लगता है कि अगर ट्रकों के लिए रास्तों को खोलेंगे तो फिर किसान भी अपने ट्रकों को लेकर वहां से निकल जाएंगे, इसलिए नेशनल हाईवे समते अन्य रास्तों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

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कपूर के मुताबिक, उनके कुछ ट्रकों ने नौ फरवरी को जालंधर से सामान भरा था, जिन्हें 10 फरवरी की रात तक दिल्ली आना था, लेकिन वह अभी तक नहीं पहुंचे। साथ ही, दिल्ली में रूट डायवर्ट है, जिससे वाहनों का 60-125 किलोमीटर रूट बढ़ गया है। इसका सीधा मतलब है कि 60 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से मालभाड़े का खर्च होता है, यानी साढ़े सात हजार रुपये ट्रांसपोर्टर का खर्च बढ़ गया है। साथ ही, आपूर्ति करने में अब समय भी ज्यादा लग रहा है, जिसका खर्च अलग से बढ़ा है।

वाहनों को रोका जा रहा

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन को कहना है कि पंजाब से शुरू हुए आंदोलन के चलते करीब 10 हजार ट्रक रास्तों में फंसे हैं। इनमें लगभग छह हजार ट्रक वो हैं, जिन्हें दिल्ली में सामान की सप्लाई करनी है। आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई करने वाले मालवाहक वाहनों को छोड़कर बाकी वाहनों को रोका जा रहा है। ऐसे में ट्रांसपोर्ट कंपनियों को पेनल्टी का डर भी सता रहा है। राजेंद्र कपूर कहते हैं कि बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनियां सामान की सप्लाई करने के लिए एक फिक्स रेट पर फैक्ट्रियों व उत्पादकों के साथ समझौता करती हैं।

कीमतों पर दिखेगा असर

दिल्ली में पंजाब, उत्तर-पूर्वी हरियाणा, हिमाचल और जम्मू कश्मीर से बड़ी संख्या में फल और सब्जियों की सप्लाई होती है। आजादपुर मंडी के आढ़ती वरुण चौधरी करते हैं कि पंजाब में किसानों के कूच के बीच फल और सब्जियों को दिल्ली पहुंचने में समय लग रहा है। ट्रकों को काफी घूमकर आना पड़ रहा है। अगर यही सिलसिला रहता है तो आने वाले तीन से चार दिनों में फल और सब्जियों की कीमतों में असर देखने को मिलेगा, क्योंकि ट्रांसपोर्टर मालभाड़ा बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। जाहिर है कि जब रूट लंबा होगा तो वो मालभाड़ा बढ़ाएंगे, जिससे कीमतें भी बढ़ेंगी।

ऑर्डर पर नहीं हो पा रही सप्लाई : पम्मा

दिल्ली से रेडीमेड कपड़ों, खिलौनों समते अन्य सामान की सप्लाई पंजाब, हिमाचल व जम्मू-कश्मीर तक की जाती है। बीते दो दिन से दिल्ली की ओर से ट्रांसपोर्ट सामानों की बुकिंग नहीं कर रही है। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा का कहना है कि हमारे बाजार से कारोबारी बड़ी संख्या में सामान पंजाब व उससे सटे राज्यों में भेजते हैं। आंदोलन को देखते हुए बीते तीन दिनों से ट्रांसपोर्टर सामान बुक नहीं कर रहे हैं।

आर्थिक नुकसान भी ज्यादा होगा : गुप्ता

भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महासचिव हेमंत गुप्ता का कहना है कि पंजाब के रास्ते बड़ी मात्रा में सामान दिल्ली और देश के बाकी हिस्सों में जाता है। किसानों के सड़कों पर आने से मोटे तौर पर अनुमान है कि प्रतिदिन करीब 500 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित होगा, जिसमें आर्थिक नुकसान भी काफी ज्यादा होगा, क्योंकि आज के समय पर किसी भी सामान की समय पर आपूर्ति सबसे जरूरी है।

ये सामान पंजाब से आता है

● फल-सब्जी और सूखे मेवे

● लकड़ी

● हार्डवेयर का सामान

● स्पेयर पार्ट और ऑटो पार्ट

● मशीनरी और उससे जुड़े उत्पाद

● कपड़े और खेल का सामान



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