Madhya Pradesh
digvijaya singh says who lives on katchatheevu island kangana ranaut says barren land thinking

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लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच कच्चातिवू द्वीप का मुद्दा गरमा गया है। खासतौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बयान से इस मुद्दे ने और तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे को ‘बकवास’ करार दिया है। दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा- मैं यह सवाल पूछना चाहता हूं कि कच्चातिवू द्वीप पर रहता कौन है? दिग्विजय सिंह के इस बयान पर सियासत गर्म है। भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत ने इसे बंजर जमीन वाली सोच बताया है। कंगना ने कहा कि दिग्विजय सिंह का कच्चातिवु द्वीप को लेकर दिया गया बयान इसी सोच को दर्शाता है।
दिग्विजय का बयान प्रधानमंत्री मोदी की तमिलनाडु रैली में दिए संबोधन के बाद आया है। पीएम मोदी ने इस मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस और डीएमके ने तमिलनाडु के लोगों को अंधेरे में रखते हुए कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को दे दिया। सवाल यह कि ऐसा फैसला किसके फायदे के लिए लिया गया? कांग्रेस इस पर चुप है। कांग्रेस और डीएमके ने देश के मछुआरों के साथ अन्याय किया है। आलम यह है कि तमिलनाडु के हजारों मछुआरों को कच्चातिवु द्वीप के पास जाने पर गिरफ्तार किया गया है। केंद्र सरकार उन मछुआरों को वापस ला रही है।
कांग्रेस और डीएमके मछुआरों के ही नहीं, पूरे देश की गुनहगार हैं। संयोगवश राजगढ़ से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह से जब संवाददाताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने सवाल उठाया कि उस द्वीप पर रहता कौन है? अब दिग्विजय सिंह इस बयान पर घिरते नजर आ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कंगना रनौत ने दिग्विजय सिंह पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने (Kangana Ranaut) दिग्विजय सिंह की सोच को बंजर जमीन वाली सोच करार दिया है।
हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत ने कहा- नेहरू जी की अक्साई चिन को बंजर जमीन बताने वाली सोच कांग्रेस में आज भी जीवित है। कच्चातिवु द्वीप को लेकर दिग्विजय सिंह का बयान इसी सोच को दिखाता है। कांग्रेस शासन के दौरान इसी मानसिकता की वजह से भारत के दूरस्थ क्षेत्रों का विकास नहीं हो पाया। लेकिन यह नया भारत है, जहां देश के सबसे ऊंचे पोलिंग स्टेशन ‘ताशीगंग’ तक नल से जल पहुंच रहा है। देश की अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। देश ऐसी सोच रखने वालों को जवाब देगा।