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didnt think ed arrest so soon what arvind kejriwal says after ed remand

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कथित शराब घोटाले में फंसे अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। ऐसे में सीएम केजरीवाल की होली अब ईडी लॉकअप में बीतेगी। दरअसल, गुरुवार को ईडी की टीम दसवां समन लेकर सीएम केजरीवाल के आवास पर पहुंची। केजरीवाल ने इससे पहले 9 समन को अवैध बताते हुए दरकिनार कर दिया था। ईडी की टीम के पास सर्च वारंट भी था। सीएम हाउस में ईडी अधिकारियों के साथ-साथ दिल्ली पुलिस के कई अधिकारी भी मौजूद थे। तलाशी के बाद सीएम केजरीवाल से पूछताछ शुरू कर दी गई। इस दौरान उनके घर के सामने भारी संख्या में आम आदमी पार्टी के नेता और समर्थक जुटने लगे। पुलिस ने आवास के आसपास धारा 144 लगा दिया। ऐसे में अब ईडी रिमांड में भेजे जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने खुद बताया है कि गिरफ्तारी के समय वह क्या कर रहे थे।

सोचा नहीं था इतनी जल्दी गिरफ्तार कर लेगी ED

सीएम केजरीवाल ने ‘आजतक’ से बातचीत में बताया, ‘ईडी की टीम के आने से पहले मैं अपने माता-पिता के साथ बैठा था। मैंने सोचा नहीं था कि इतनी जल्दी ईडी मुझे गिरफ्तार करने आएगी। मुझे माता-पिता से आशीर्वाद लेने का मौका भी नहीं मिला।’ बता दें कि गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने गिरफ्तारी की सुरक्षा की मांग की थी। कोर्ट के इस फैसले के कुछ ही घंटे बाद ईडी की टीम उनके आवास पर पहुंच गई और पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। रात 11 बजे उन्हें ईडी मुख्यालय ले जाया गया, जहां लॉकअप में उनकी रात गुजरी। 

इस्तीफा नहीं दूंगा, जेल से चलाऊंगा सरकार

कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 6 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। उन्हें 28 मार्च को दोपहर दो बजे पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। ऐसे में इस फैसले के बाद केजरीवाल का पहला बयान सामने आया। उन्होंने साफ-साफ कहा कि वह दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे। केजरीवाल ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर वह जेल से सरकार चलाएंगे। यहां क्लिक कर डिटेल में पढ़िए यह खबर…

क्या बोले केजरीवाल के वकील?

अरविंद केजरीवाल के वकील ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि यह साबित करने के लिए कोई ‘सबूत’ या ‘सामग्री’ नहीं है कि ‘आप’ सुप्रीमो ने आबकारी नीति में कुछ गलत काम किया या कोई लाभ प्राप्त किया। उनकी हिरासत संबंधी ईडी के अनुरोध का विरोध करते हुए, केजरीवाल के वकील ने अदालत से कहा, ‘वर्तमान मामला केवल सह-अभियुक्तों के बयानों और उन अधिकारियों के बयान के आधार पर बनाया गया है जो शिकायतकर्ता यानी दिल्ली के उपराज्यपाल के नियंत्रण में काम कर रहे हैं।’

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केजरीवाल के वकील ने दलील दी, ‘यह साबित करने के लिए कोई सबूत या सामग्री नहीं है कि केजरीवाल ने आबकारी नीति में कुछ गलत काम किया या कोई लाभ प्राप्त किया। एक वर्ष से अधिक समय तक मामले की जांच करने और 200 से अधिक छापे मारने के बावजूद, किसी भी अपराध में गिरफ्तार व्यक्ति की संलिप्तता या किसी प्रक्रिया/गतिविधि में संलिप्तता साबित करने वाली कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली।’

(पीटीआई इनपुट के साथ) 



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