Chhattisgarh
Diarrhea spreading rapidly in Raipur 60 patients confirmed health department set up camp

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इन दिनों डायरिया का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। पहली बार यहां 21 मार्च को डायरिया का पहला केस मिला था। उसके बाद से लगातार डायरिया के मरीजों में इजाफा देखने को मिला है। वर्तमान में यहां डायरिया के पीड़ित 60 से भी अधिक हो चुके हैं। वहीं गंभीर रूप से बीमार होने वाले 16 मरीजों को अब तक अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। डायरिया को काबू में करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम इलाके में कैंप लगाकर लोगों का इलाज कर रही है। मेडिकल कैंप के जरिए दवाएं और उनके टेस्ट किया जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की माने तो असली वजह गंदा पानी है। जिसके कारण डायरिया के केस में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। वहीं नगर निगम की टीम ने बोर वॉटर की जांच के लिए पानी का सैंपल लैब भेज दिया है।
लाभांडी क्षेत्र में बीते 3 दिनों के भीतर डायरिया की शिकायतें सबसे ज्यादा मिला है। नगर निगम की ओर से लगातार वहां पर टैंकर के माध्यम से पानी की सुविधा पहुंचाई जा रही है। लगातार डायरिया फैलने के मामले और पानी की समस्या को लेकर नगर निगम अपर आयुक्त विनोद कुमार पांडे ने कहा कि यहां के लोगों को शक है कि बोर का पानी खराब होने के वजह से इलाके में डायरिया फैल रहा है। बोर वॉटर के सैंपल को लेकर निगम की टीम ने उसे लैब भेज दिया है। फिलहाल इलाके में नगर निगम का टैंकर वाटर की सप्लाई कर रहा है।
बतादें कि लाभांडी इलाके में सबसे ज्यादा डायरिया के केस मिले हैं। यहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वही नगर निगम की टीम को अब लैब टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार है। टेस्ट आने के बाद ही यह पता चल पाएगा कि आखिरकार बीमारी की असली वजह क्या है। डायरिया के जो 60 मरीज मिले हैं उनमें से 12 मरीज का इलाज रायपुर मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है। वहीं चार मरीजों का इलाज पंडरी स्थित जिला अस्पताल में जारी है। इसके अलावा बाकी के मरीजों को घर पर ही रखकर इलाज की सुविधा दी जा रही है। जिन लोगों का इलाज घर पर चल रहा है उनकी हालत पहले से बेहतर बताई जा रही है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार कैंप लगाकर उनके ऊपर नजर भी रखी हुई।