Uttar Pradesh
death of judge jyotsna rai mystery note written in diary about rabbit investigation

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Judge Jyotsna Rai Death Case: यूपी के बदायूं की सिविल जज ज्योत्सना राय की मौत पर कोई यकीन नहीं कर रहा है। पुलिस को उनके कमरे से जो नोट मिला है, उसमें भी कुछ ऐसी बातें लिखी हैं जिनसे पुलिस अधिकारी भी हैरान हैं कि आखिर ज्योत्सना के साथ क्या हुआ? ज्योत्सना दो खरगोश पालती थीं। उनसे बड़ा प्यार करती थीं। पुलिस को मिली ज्योत्सना की डायरी के नोट में भी उन खरगोशों का जिक्र है। नोट में लिखा है कि मेरे खरगोशों का ख्याल रखना। इसके अलावा उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा भी जाहिर करते हुए लिखा कि मेरे शव का अंतिम संस्कार सरयू पर करना। चर्चा है कि पुलिस को मिले नोट में यह भी लिखा है कि विवेचना करते रहना, मिलेगा कुछ नहीं। ऐसे में घटना के पीछे की वजह पहले बन गई है।
सिविल जज के परिचित न्यायिक अधिकारी बताते हैं कि ज्योत्सना को डायरी लिखने का शौक था। वह अक्सर अपने आवास पर अक्सर डायरी लिखते हुए मिलतीं थीं। ज्योत्सना के नाम का अर्थ चंद्रमा होता है। साथ ही, ये मां दुर्गा का नाम भी है। । उनके यहां घरेलू काम करने वाली महिलाओं में शहर की ममता, सुशीला और अनीता शामिल हैं। यह तीनों अलग-अलग काम करने रोजाना उनके आवास पर जाती थीं। ज्योत्सना राय की मौत की खबर पर ममता और सुशीला पर मौके पर पहुंचीं। उन्हें भी यकीन नहीं हुआ कि अब सिविल जज इस दुनिया में नहीं रहीं। मामता साफ-सफाई तो सुशीला खाना बनाने को सिविल जज के आवास पर पहुंची तो वहां पुलिस व वकीलों की भीड़ जमा थी। ममता और सुशीला ने बताया कि ज्योत्सना राय उनसे बहुत ही आत्मीय व्यवहार करती थीं। वह रोजाना उनके घर और परिवार की जानकारी लेती रहती थीं। हमेशा हंसी-मजाक करना उनका स्वभाव था।
बेचैन दिखे खरगोश
ज्योत्सना राय की मौत की खबर मिलने के बाद उसके घर पर आवाजाही के बीच खरगोश भी बेचैन दिखे। अर्दली ने खरगोशों को कमरे से बाहर निकालकर बारामदे में रखा। दोपहर में उनके लिए खिले गोभी और मूली के पत्ते मंगाये गये। अर्दली ने बताया कि सिविल जज के खरगोश सब्जी के पत्ते बढ़े चाव से खाते थे, जब डाले गये तो उन्होंने कम खाये।
डायरी में मिले नोट में अकेलेपन का जिक्र
पुलिस की जांच पड़ताल में डायरी से एक ऐसा नोट मिला है जिसे पुलिस प्रथम दृष्टयता सुसाइड नोट मान रही है। नोट अंग्रेजी में लिखा हुआ है। जिसमें अकेलेपन का जिक्र किया गया है। इसके अलावा अवसाद और परेशान होने जैसी बात लिखी हैं। लेकिन पुलिस ने उस नोट की राइटिंग का मिलान करने के लिए पेशकार आदि से जानकारी ली है। पेशकार आदि ने सुसाइड नोट में लिखी राइटिंग को ज्योत्सना का बताया है, लेकिन फिर भी पुलिस राइटिंग के मिलान को लेकर उनके पूर्व में लिखे गए लेखों और डायरी आदि की जांच कर रही हैं।