Chhattisgarh
chhattisgarh 29 maoists kanker encounter Naxalites wants major attack in elections – चुनाव में बड़ा हमला करने वाले थे नक्सली, सुरक्षा बलों ने कैसे ध्वस्त किए मंसूबे, ऑपरेशन की डिटेल

ऐप पर पढ़ें
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में मंगलवार को एक मुठभेड़ में 29 नक्सली मार गिराए गए। पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी. ने बताया कि नक्सलियों ने लोकसभा चुनाव के दौरान हिंसक वारदातों को अंजाम देने की साजिश रची थी। हमें लगभग 50 माओवादियों की मौजूदगी के बारे में इनपुट प्राप्त हुए थे। इसी इनपुट पर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। सुरक्षा बलों को मिली इस सफलता से नक्सलियों की उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी को तगड़ा झटका लगा है। इस रिपोर्ट में जानें ऑपरेशन की पूरी डिटेल…
इस ऑपरेशन में कुछ जवान घायल भी हुए हैं जिन्हें रायपुर लाया गया है। रायपुर में घायल जवानों का इलाज चल रहा है। सूत्रों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद डीआरजी और बीएसएफ के जवानों को मिलाकर इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए एक टीम गठित की गई। इसमें अलग-अलग कैंप के चुनिंदा जवानों को शामिल किया गया था। इन जवानों 25 किलोमीटर का सफर टू-व्हीलर से तय किया।
सभी जवान अगल-अलग लोकेशन से विभिन्न गुटों में निकले थे। इसके बाद पूरी टीम माड़ इलाके में जमा हुई। सूत्र बताते हैं कि ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए 40 BSF और 120 डीआरजी के जवानों की टीम बनाई गई थी। ऑपरेशन कितना बड़ा है और इसे कैसे अंजाम देना है, इसकी रणनीति जवानों ने माड़ इलाके में ही साझा की गई। इसके बाद माड़ इलाके से जवानों की पूरी टीम जगलों की ओर पैदल ही रवाना हुई। यह टीम 15 से 20 किलोमीटर पैदल चली।
सुरक्षाबलों ने खैरीपदर गांव में कोटरी नदी पार की और फिर अन्य गांवों से होते हुए एक पहाड़ी को घेर लिया। इसी जगह माओवादियों के वरिष्ठ कैडरों की आवाजाही की सूचना मिली थी। सूत्रों ने बताया कि पुलिस के आला अधिकारियों को 15 अप्रैल को ही खुफिया इनपुट मिल गए थे कि 16 अप्रैल को बड़ी संख्या में खूंखार नक्सली जमा होकर किसी बड़े हमले को अंजाम देने के लिए बैठक करने वाले हैं। कुल 50 से 70 नक्सलियों के जमा होने की खुफिया जानकारी अधिकारियों को थी।
बताया जाता है कि पहली बार सुरक्षा बल के जवानों ने इस दुर्गम इलाके में जंगल के बीच इतने भीतर तक पहुंचकर ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस टीम के जवान जब कांकेर जिले के छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के हिदुर और कल्पर गांव के करीब जंगल में पहुंचे तो उन्हें नक्सलियों के होने की हलचल मिली। नक्सली खाना खाकर बैठक करने जा रहे थे। इस पर जवानों ने चुपके से उनकी घेराबंदी कर ली। सूत्र बता रहे हैं कि मुठभेड़ के दौरान घटनास्थल पर करीब 50 नक्सली मौजूद थे।
इतने में नक्सलियों को भी सुरक्षा बलों की आहट मिली। नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। नक्सली अलग अलग टीमों में बंट गए थे। दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई। सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल पर नक्सलियों के बड़े ईनामी नेता मौजूद थे। इसमें दो मारे गए। इसमें एक पर 15 लाख रुपये जबकि दूसरे पर 25 लाख रुपये का ईनाम था। सूत्र यह भी बताते हैं कि जब सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों पर भारी पड़ने लगे तो बाकी नक्सली अपने अन्य बड़े कमांडरों को कवर फायर देते हुए बचा ले गए।
सूत्रों ने बताया कि अपने बड़े कमांडरों को बचाने के चक्कर में इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए। पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, कांकेर जिले के हिदुर और कल्पर गांव के जंगल में हुई इस मुठभेड़ के बाद अब सन्नाटा पसरा है। ग्रामीण इस घटना को लेकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। इस बीच क्षेत्र के अकामेटा गांव के निवासी लिंगाराम ने बताया कि उसका चचेरा भाई सुक्कू मुठभेड़ में मारा गया है। वह नक्सली था। सुक्कू बचपन से ही प्रतिबंधित भाकपा-माओवादी में शामिल हो गया था।
सुक्कू परिवार के सदस्य लगातार उसे हथियार छोड़ने की अपील कर रहे थे लेकिन वह नहीं माना। परिवार के सदस्यों ने उसकी डेड बॉडी पर अभी तक दावा नहीं किया है। मुठभेड़ स्थल बेचाघाट से 15 किलोमीटर से अधिक दूर कांकेर, नारायणपुर (छत्तीसगढ़) और गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) जिले के ट्राइजक्शन पर स्थित है। मुठभेड़ मंगलवार दोपहर करीब 12.30 बजे शुरू हुई। यह करीब 4 घंटे तक चली। मौके से 15 महिलाओं समेत 29 नक्सलियों की लाशें बरामद की गई हैं। ऑपरेशन में सुरक्षा बल के तीन जवान भी घायल हुए हैं।
(पीटीआई-भाषा, हिन्दुस्तान टाइम्स और रिपोर्टर के इनपुट पर आधारित रिपोर्ट)