Chhattisgarh
Budget session of Chhattisgarh Assembly ends 2694 questions asked 12 meetings held in 17 days CBI decision to investigate Biranpur murder
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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार आने के बाद पहला विधानसभा का सत्र समाप्त हो गया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा का यह सत्र 17 दिनों तक चला, जिसमें प्रदेश के बजट के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई है। विधानसभा का पहला बजट सत्र तय समय से दो दिन पहले बुधवार को सूचीबद्ध कामकाज पूरा करने के बाद, अध्यक्ष रमन सिंह ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है।
बजट सत्र समाप्त होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि विधानसभा का मानसून सत्र जुलाई के आखिरी सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही बजट सत्र के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सदन ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पारित कर दिया। इसके साथ ही बताया कि राज्य सरकार पिछले साल बेमेतरा जिले में सांप्रदायिक हिंसा में भुनेश्वर साहू की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा करेगी।
डॉ रमन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि “सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित दुकानों की जांच के संबंध में (भाजपा विधायक) धरमलाल कौशिक के 6 फरवरी के तारांकित प्रश्न में, राज्य सरकार ने एक सदन समिति द्वारा जांच की सहमति दी है।” उन्होंने इस सत्र को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि इस सत्र में 12 बैठकें हुईं और इस दौरान करीब 101.13 घंटे तक चर्चा हुई है। स्पीकर ने कहा, “1,337 तारांकित और 1,357 अतारांकित सहित 2,694 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। कुल 411 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 214 सूचनाएं स्वीकार की गईं और 34 सूचनाओं पर चर्चा हुई।”
डॉ रमन सिंह ने कहा कि सत्र के दौरान पांच विधेयकों के नोटिस प्राप्त हुए और सभी को चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। स्पीकर ने नई सरकार के पहले बजट सत्र में सक्रिय भागीदारी के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के कुछ विधायकों की सराहना की है। उन्होने कहा कि “मैंने अपने संसदीय करियर में किसी भी सत्र में प्रश्नकाल का इतना बेहतर उपयोग शायद ही कभी देखा हो। इस सत्र में प्रश्नकाल में प्रश्नों के महत्व को देखते हुए कुछ प्रश्नों को प्रश्न एवं संदर्भ समिति को भेजा गया था।” उन्होने कहा कि सत्र के दौरान “संबंधित मंत्री ने विभिन्न प्रश्नों पर विभागीय जांच का आश्वासन दिया, जबकि कुछ अधिकारियों को उनके कृत्य के लिए निलंबित करने की घोषणा भी प्रश्नकाल में की गई।”