Blog
ashtami navami navratri april 2024 kab hai date time shubh muhrat
ऐप पर पढ़ें
Chaitra Navratri Ashtami and Navami Date 2024: चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024, मंगलवार से प्रारंभ हो चुके हैं। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा पृथ्वी लोक आती हैं और भक्तों के दुख-दर्द दूर करती हैं। यूं तो नवरात्रि की हर तिथि का अपना महत्व है लेकिन अष्टमी व नवमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। इन दो तिथियों में लोग मां भगवती को प्रसन्न करने के लिए कन्या पूजन करते हैं। नवमी को हवन भी किया जाता है। चैत्र नवरात्रि में पड़ने वाली नवमी को रामनवमी का पावन पर्व मनाया जाता है। त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था।
नवरात्रि अष्टमी तिथि- 16 अप्रैल, मंगलवार
मुहूर्त-
- चैत्र, शुक्ल अष्टमी प्रारम्भ – 12:11 पी एम, अप्रैल 15
- चैत्र, शुक्ल अष्टमी समाप्त – 01:23 पी एम, अप्रैल 16
नवरात्रि नवमी तिथि- 17 अप्रैल, बुधवार
मुहूर्त-
नवमी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 16, 2024 को 01:23 पी एम बजे
नवमी तिथि समाप्त – अप्रैल 17, 2024 को 03:14 पी एम बजे
राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त – 11:10 ए एम से 01:43 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 33 मिनट्स
राम नवमी मध्याह्न का क्षण – 12:26 पी एम
दुर्गाष्टमी पूजा-विधि
- इस दिन सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
- मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
- धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
- मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
राम नवमी पूजा विधि
- इस पावन दिन शुभ जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
- अपने घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- घर के मंदिर में देवी- देवताओं को स्नान कराने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
- भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर पर तुलसी का पत्ता और फूल अर्पित करें।
- भगवान को फल भी अर्पित करें।
- अगर आप व्रत कर सकते हैं, तो इस दिन व्रत भी रखें।
- भगवान को अपनी इच्छानुसार सात्विक चीजों का भोग लगाएं।
- इस पावन दिन भगवान राम की आरती भी अवश्य करें।
- आप रामचरितमानस, रामायण, श्री राम स्तुति और रामरक्षास्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं।
- भगवान के नाम का जप करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप श्री राम जय राम जय जय राम या सिया राम जय राम जय जय राम का जप भी कर सकते हैं। राम नाम के जप में कोई विशेष नियम नहीं होता है, आप कहीं भी कभी भी राम नाम का जप कर सकते हैं।
अष्टमी-नवमी के दिन करें कन्या पूजन
- नवरात्र पर्व पर दुर्गाष्टमी और रामनवमी के दिन कन्याओं की पूजा की जाती है। जिसे कंचक भी कहा जाता है। इस पूजन में नौ साल की कन्याओं की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि महागौरी की उम्र भी आठ साल की थी। कन्या पूजन से भक्त के पास कभी भी कोई दुख नहीं आता है और मां अपने भक्त पर प्रसन्न होकर मनवांछित फल देती हैं।