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Ashok Gehlot targeted the leaders who left Congress party and joined BJP – नए घर में शिफ्ट हुए अशोक गहलोत, बोले

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राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं पर निशाना साधा है। जयपुर स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि जिनको जाना है, जल्दी जाओ। कृपया करके जल्दी से चले जाएं। क्योंकि देरी करने से हम कंफ्यूज हो जाते है। हमारा कंफ्यूज दूर कर दें। मैं जाना चाहता हूं। मेरा मन नहीं लग रहा है। या मेरे ऊपर दबाव है। ईडी का है। सीबीआई का है। कुछ मजबूरियां है। कोई मजबूरी है तो हम क्या कर सकते है। जबर्दस्ती रोकना उचित नहीं है। मेरा मानना है कि जितने लोग जा भी रहे है, तो नई पीढ़ी तैयार होगी, आने के लिए। 

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करीब 3 महीने बाद शुक्रवार को सीएम आवास खाली कर दिया। गहलोत आज सिविल लाइन स्थित बंगला नंबर 49 में शिफ्ट हो गए हैं। इस दौरान गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुझे आज तक कभी बंगला खाली करने के लिए नहीं कहा। उन्होंने मुझसे कहा- आप बंगले में आराम से रहिए। मुझे जल्दी नहीं है।


गहलोत अपने नए घर में शिफ्ट हो गए हैं। अब वे सिविल लाइंस पर स्थिति 49 नंबर बंगले में रहेंगे. ये वसुंधरा राजे के आवास के ठीक सामने वाला घर है।  नए घर में शिफ्ट होते ही कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की है, जिसमें उन्होंने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है।

सीएम से ज्यादा पावर डिप्टी सीएम के पास

गहलोत ने कहा कि राजस्थान की भजनलाल सरकार ‘रिमोट कंट्रोल’ से चल रही है। वास्तव में चीफ सेक्रेट्री सुधांश पंत मुख्यमंत्री का काम कर रहे हैं। वे ही राजस्थान के डी फैक्टो सीएम हैं। सीएम से ज्यादा यहां डिप्टी सीएम की चलती है। उनके पास ज्यादा पावर है।’ इस दौरान अशोक गहलोत ने राजीव गांधी युवा मित्र योजना को बंद करने वाले प्रदेश सरकार फैसले को वापस लेने की भी मांग उठाई और कहा कि इसे वापस शुरू किया जाना चाहिए।

बीजेपी में शमिल होने है जो जाओ 

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आगामी लोकसभा चुनाव के बारे में भी गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘लोक सभा चुनाव आ रहा है। हमें 40% वोट मिले हैं। हमें उम्मीद है कि हम सांसद चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन जिनको भाजपा में जाना है वो जाए। जिनका मन नहीं लग रहा है वो जल्दी जाएं। हमें कंफ्यूजन में रखें. जिनपे दबाव है, ईडी-इनकम टैक्स का, वे जल्दी चले जाएं. उनका मैं क्या कर सकता हूं। 

 



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