Delhi
arvind kejriwal writes to ed call notice illegal excise policy – नोटिस ही अवैध है; केजरीवाल आज भी नहीं जाएंगे ED दफ्तर, AAP बोली

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीसरी बार भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बुलावे पर बुधवार को पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होंगे। सीएम ने इस बाबत केंद्रीय एजेंसी को पत्र लिखा है। ईडी ने शराब नीति में हुए कथित घोटाले को लेकर उन्हें पूछताछ के लिए ऑफिस बुलाया था। दिल्ली सीएम ने ईडी को पत्र लिखकर समन पर जवाब दिया है। उन्होंने लिखा, ‘ईडी की जांच में सहयोग करने को तैयार हूं लेकिन एजेंसी का नोटिस अवैध है।’ वहीं मुख्यमंत्री आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
गिरफ्तार कर लेंगे
आप के एक अधिकारी ने बुधवार सुबह कहा कि केजरीवाल ने ईडी को जवाब भेजा है और कहा है कि ईडी का समन अवैध है। पत्र में केजरीवाल ने कहा कि वह ‘ईडी की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ईडी का नोटिस गैरकानूनी है।’ आप पदाधिकारी ने कहा, ‘उनका इरादा केजरीवाल को गिरफ्तार करना है। वे केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोकना चाहते हैं। चुनाव से पहले नोटिस क्यों भेजा गया है।’ बता दें कि केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संयोजक भी हैं। पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के अलावा हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी कई सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है।
ईडी ने कब-कब भेजा समन
ईडी ने केजरीवाल को तीसरा समन 22 दिसंबर को जारी किया था, जिसमें उन्हें 3 जनवरी को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा गया था। इससे पहले एजेंसी ने पहली बार 2 नवंबर को और दूसरी बार 22 दिसंबर को समन भेजकर पूछताछ के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया था। केजरीवाल ने दोनों समन को नजरअंदाज कर दिया और इसे ‘अवैध और राजनीति से प्रेरित’ बताया।
22 दिसंबर के जवाब में क्या कहा था
ईडी के समन के जवाब में, केजरीवाल ने 22 दिसंबर को ईडी को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा था कि: ‘मैं देश का एक कर्तव्यनिष्ठ कानून का पालन करने वाला सामान्य नागरिक हूं और मैं कानून के अनुपालन में जारी किए गए किसी भी समन का पालन करने से नहीं कतराता हूं। लेकिन आपका समन (मुझे सलाह दी गई है) कानून के अनुरूप नहीं है। यह तथ्य कि आपने जानबूझकर बिना कोई कारण या आवश्यकता बताए केवल व्यक्तिगत रूप से मेरी उपस्थिति की मांग की है, जबकि उक्त अधिनियम स्वयं अधिकृत व्यक्तियों के माध्यम से उपस्थिति का प्रावधान करता है, इसका मकसद मुझे परेशान करना और शर्मिंदा करना है।’