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anti naxal operation in chhattisgarh amit shah given indications of strictness against naxalism

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anti naxal operation in chhattisgarh amit shah given indications of strictness against naxalism


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छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में मंगलवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 29 नक्सली मार गिराए गए। इस ऑपरेशन में तीन जवान भी घायल हो गए। मारे गए नक्सलियों में एक कमांडर भी बताया जा रहा है। इस ऑपरेशन को पुलिस बल, स्पेशल टॉस्क फोर्स और बीएसएफ के जवानों ने अंजाम दिया। कांकेर जिले के छोटेबेटिया थाने से लगभग 15 किलोमीटर दूर जंगल में बिनागुंडा और कोरोनार के पास यह मुठभेड़ हुई। सनद रहे हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खैरागढ़ में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए नक्सलवाद के खिलाफ सख्ती के संकेत दिए थे…

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते रविवार को लोगों से पीएम मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में इसलिए तीसरा कार्यकाल देने की अपील की थी ताकि अगले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद की समस्या को खत्म किया जा सके। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को आतंकवाद से बचाया है। भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने अपने 10 वर्षों के शासनकाल में नक्सलवाद को खत्म करने का काम किया है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई धीमी हो गई थी।

अमित शाह ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद कुछ हद तक बचा हुआ है। आप नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में तीसरा कार्यकाल दीजिए ताकि तीन साल में छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म किया जा सके। केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी दावा किया था कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई तेज हुई है। विष्णु देव साय की अगुवाई वाली सरकार के गठन के बाद से 54 से अधिक नक्सलियों को ढेर किया गया है जबकि 150 से अधिक नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं और 250 से अधिक ने सरेंडर किया है। 

छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान में शामिल अधिकारियों ने भी केंद्रीय गृह मंत्री के बयान की पुष्टी करते हुए कहा है कि मौजूदा वक्त में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशनों में तेजी आई है। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने कहा-  बस्तर क्षेत्र में उग्रवाद विरोधी अभियान तेज कर दिया गया है। नक्सलियों की आवाजाही को रोकने के लिए अंतरराज्यीय सीमाओं को सील करने की कोशिशें की जा रही हैं। बीते एक महीने के दौरान ही कांकेर जिले में अंतरराज्यीय सीमा पर तीन नए कैंप लगाए गए हैं। कई अन्य कैंप लगाने की तैयारी है। 

पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशनों में आम लोगों को भी शामिल किया जा रहा है। नक्सलियों की गिरफ्तारी या उनके खात्मे या सरेंडर में मदद करने वाले लोगों को नौकरी और पांच लाख रुपये का नकद इनाम दिए जाने की पेशकश की जा रही है। पुलिस की मदद करने वाले लोगों को आरक्षक के रूप में भर्ती किए जाने की योजना है। मध्य प्रदेश की सीमा से लगे कबीरधाम जिले जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में पर्चे बांटे गए हैं जिनमें लिखा है कि सूचना दो इनाम पाओ। पुलिस को इस पेशकश में कामयाबी भी मिल रही है। 

वहीं माओवाद प्रभावित क्षेत्र में 11 साल सेवा दे चुके बस्तर के महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी. का कहना है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में जमीन में छिपाए गए आईईडी का जोखिम अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी आई है। उनका कैडर आधार खत्म हो रहा है। नक्सलियों का प्रभाव क्षेत्र सिकुड़ रहा है। हम सीपीआई (माओवादी) की क्षमता को कम नहीं आंक रहे हैं। हमारा मुख्य फोकस नक्सलवाद के खिलाफ बेहतर अंतरराज्यीय अभियानों पर है। नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों पर भी फोकस किया जा रहा है। 

(एजेंसियों के इनपुट पर आधारित)



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