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akhilesh yadav will not go to cbi says samajwadi party

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akhilesh yadav will not go to cbi says samajwadi party


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समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को सीबीआई ने अवैध खनन के मामले में आज पूछताछ के लिए बुलाया है। उनका नाम इस मामले में सीबीआई ने गवाह के तौर पर दर्ज किया है। लेकिन वह सीबीआई के सामने आज पेश नहीं होंगे। समाजवादी पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। 5 साल पहले दर्ज हुए केस को लेकर सपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने कहा, ‘अखिलेश यादव जी की आज लखनऊ के पार्टी दफ्तर में मीटिंग है। यह मीटिंग पीडीए पर होनी है। इसलिए वह दिल्ली नहीं जाएंगे।’ बता दें कि अखिलेश यादव ने PDA शब्द जो दिया है, उसमें पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक शामिल हैं।

उनके अलावा समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, ‘वह कहीं नहीं जा रहे हैं। वह लखनऊ में एक मीटिंग में शामिल होंगे।’ उन्होंने अखिलेश यादव को मिले नोटिस पर कहा कि मेरे पास इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी नहीं है। लेकिन यह तय है कि अखिलेश यादव आज दिल्ली नहीं जा रहे हैं। सीबीआई ने सीआरपीसी के सेक्शन 160 के तहत अखिलेश यादव को नोटिस जारी किया था और उन्हें 29 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया था। इस सेक्शन के तहत कोई भी पुलिस अधिकारी किसी मामले की जांच के लिए गवाह को समन जारी कर सकता है।

क्या है अवैध खनन केस जिसकी फांस में फंसे अखिलेश, क्या-क्या हैं आरोप?

एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि अखिलेश यादव आरोपी नहीं हैं बल्कि उन्हें गवाह बनाया गया है। उन्हें मामले पर पूछताछ के लिए ही बुलाया गया है। अवैध खनन घोटाले के मामले में आरोप है कि इस केस में सपा सरकार के दौरान ई-नीलामी की प्रक्रिया का पालन नहीं किया। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जांच का आदेश दिया था। आरोप है कि 2012 से 2016 के दौरान अवैध खनन का पट्टा सरकारी अधिकारियों ने दिया था। यह भी तब जारी किया गया, जब नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल की ओर से रोक लगाई गई थी।

अखिलेश बोले- चुनाव आते हैं तो नोटिस भी आने लगते हैं

वहीं नोटिस मिलने के बाद अखिलेश यादव ने भी इसे राजनीतिक हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि सपा भाजपा की सबसे बड़ी टारगेट है। मुझे तो 2019 में भी नोटिस मिला था, तब भी लोकसभा चुनाव थे। अब फिर से चुनाव आ रहा है तो मुझे एक बार और नोटिस दिया गया है। अखिलेश यादव ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि जब चुनाव आता है तो नोटिस भी आते हैं। इतनी बेचैनी क्यों है? यदि भाजपा ने पिछले 10 सालों में खूब काम किया है तो फिर डर किस बात का है?’



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