Madhya Pradesh
AIMPLB Sajjad Nomani big statement on farmers protest and gyanvyapi case

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मध्य प्रदेश के खंडवा में शुक्रवार देर शाम मुस्लिम समाज के द्वारा एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में खंडवा पहुंचे देश के प्रसिद्ध इस्लामिक स्कॉलर और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना सज्जाद नोमानी को सुनने के लिए स्थानीय ईदगाह मैदान में भारी भीड़ पहुंची । इस दौरान मौलाना नोमानी ने देश की तरक्की और मौजूदा हालात में एक आम नागरिक की क्या जिम्मेदारियां है इस पर चर्चा की, तो वहीं देश में चल रही विभिन्न गतिविधियों को लेकर मीडिया से भी खुलकर बात की । बता दें कि मौलाना के प्रोग्राम को कराए जाने को लेकर शहर के कुछ संगठन नाराज भी थे, जिन्होंने एक दिन पूर्व ही मौलाना को तालिबानी सोच वाला बताते हुए इसको लेकर एक ज्ञापन भी जिला प्रशासन को दिया था ।
खंडवा के ईदगाह मैदान पर शुक्रवार रात एक विशाल जनसभा का आयोजन मुस्लिम समाज के द्वारा किया गया था, जिसमें शामिल होने भारतीय इस्लामिक विद्वान और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता ख़लील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी साहब खंडवा पहुंचे थे । यहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर मुद्दे पर बैठ कर बात की जा सकती है । हमारी सांस्कृतिक विरासत कभी ऐसी नहीं रही कि मंदिर वाले मस्जिद वालों से बात न करें, या मस्जिद वाले मंदिर वालों से बात ना करें । उन्होंने कहा कि देश मे इस समय नफरत का प्रोपेगैंडा फैलाया जा रहा है, जिसमे दोनों ही तरफ के लोग फंस रहे हैं ।
किसानों की बात सुने सरकार, ज्ञानवापी का हल बैठकर हो
तो वहीं देश की राजधानी दिल्ली मे इस समय चल रहे किसान आंदोलन पर इस्लामिक स्कॉलर नोमानी ने कहा कि मुल्क के किसान अगर सरकार के खिलाफ सड़क पर आ गए हैं तो यह अच्छी बात नहीं है । सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए । इसके साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद पर दोनों पक्षों के बीच चल रहे कोर्ट के मामले के हल पर भी बात करते हुए उन्होंने कहा कि, हर मसले पर बातचीत हो सकती है, और होनी चाहिए । तो वहीं उन्होंने एक बार फिर से अपने पिछले दिनों दिए एक बयान पर बात करते हुए कहा कि साल 2024 में संविधान बदलने की बात वे अकेले ही नहीं कह रहे, बल्कि यदि बीजेपी सरकार फिर से सत्ता में आती है तो संविधान बदल दिया जाएगा यह बात तो देश के हजारों पढ़े लिखे विद्वान लोग कह रहे हैं। जब संविधान ही बदला जाएगा तब आप किसी थाने में भी अपनी शिकायत दर्ज करने नहीं जा सकते, कोर्ट नही जा सकते ।
मद्रास में पढ़ाएं जाए संस्कृत सहित दूसरे विषय
मीडिया से चर्चा के दौरान मौलाना नोमानी ने कहा कि देश के हालात के लिए उलेमाओं को पहले से ही आवाम के बीच आ जाना चाहिए था, उलेमाओं को मदरसों में संस्कृत को दाखिल करना चाहिए जिसके साथ ही इंग्लिश, इतिहास, समाजशास्त्र, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉयालोजी, राजनीति, अर्थशास्त्र और जियोग्राफी जैसे विषय पढ़ाना चाहिए, वरना इस मुल्क को तबाही से कौन बचाएगा । उन्होंने कहा कि सबके सब तो लूटमार में लगे हुए हैं । सियायतदान अब इस मुल्क को ठीक नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने भी कल ही एलक्ट्रोरियल बॉन्ड को लेकर एक जजमेंट दिया है । कोर्ट ने इसे असवैंधानिक माना है। कॉस्टिट्यूसन के होते हुए सरकार नए नए कानून बना रही है।