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Madhya Pradesh

acharya vidyasagar maharaj breathed his last at chandragiri teerth in dongargarh in rajnandgaon district

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acharya vidyasagar maharaj breathed his last at chandragiri teerth in dongargarh in rajnandgaon district


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देश के प्रसिद्ध जैनमुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में ‘सल्लेखना’ करके रविवार को अपना देह त्याग दिया। चंद्रगिरि तीर्थ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आचार्य विद्यासागर महाराज ने देर रात 2:35 बजे ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में ‘सल्लेखना’ करके देह त्याग दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जैनमुनि आचार्य विद्यासागर महाराज जी के देह त्याग पर अपनी शोक संवेदना प्रकट की है। वहीं मध्य प्रदेश में मोहन यादव की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने आधे दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है। 

क्या है ‘सल्लेखना’?

चंद्रगिरि तीर्थ की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि ‘सल्लेखना’ जैन धर्म में एक प्रथा है। इसमें देह त्याग करने के लिए स्वेच्छा से अन्न-जल छोड़ दिया जाता है। जैन संत और आर्चाय ‘सल्लेखना’ के जरिए शरीर त्याग करते हैं। आचार्य विद्यासागर महाराज ने देर रात 2:35 बजे ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में ‘सल्लेखना’ के जरिए देह त्याग किया।

तीन दिन से छोड़ दिया था अन्न-जल

जैनमुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज  (Jain seer Acharya Vidyasagar Maharaj) ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में छह महीने से रह रहे थे। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। बीते तीन दिन से उन्होंने अन्न-जल का त्याग किया हुआ था। वह वह सल्लेखना का पालन कर रहे थे। 



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