Uttarakhand

पीआरडी स्थापना दिवस पर फूटा जवानों का गुस्सा, अधिकारियों पर जूठे बर्तन धुलवाने का लगाया आरोप।

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देहरादून – पीआरडी के स्थापना दिवस पर जवानों का गुस्सा विभागीय अधिकारियों और मंत्री पर फूटता हुआ दिखाई दिया। जवानों का यह गुस्सा तब फूटा जब स्थापना दिवस पर रैतिक परेड का आयोजन किया गया था।

उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी उनसे घर में झूठे बर्तन मजवाते हैं। सब्जी लेने व कुत्तों को टहलाने के लिए उनकी ड्यूटी लगाते हैं। जबकि उन्होंने कई बार विभागीय अधिकारी और मंत्रियों से गुहार लगाई है कि उनका होमगार्ड के समान वेतन दिया जाए। कहा की होमगार्ड को अभी 28000 रुपए मानदेय के रूप में दिया जाता है जबकि उन्हें महज 17000 में ही नौकरी करनी पड़ रही है। कहा कि इससे उनका गुजारा नहीं चल रहा है।

वही पीआरडी के जवानों ने मांग की है कि युवा कल्याण से पीआरडी विभाग को अलग कर दिया जाए। ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। यह भी कहा गया है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो वह कल से मुख्यालय पर धरने पर बैठेंगे।

उधर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने कहा है कि किसी एक व्यक्ति के कहने पर पूरे विभाग की धारणा नहीं बनाई जा सकती है साथ कहा कि पीआरडी जवानों के अनुरूप ही काम किया जा रहा है।

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