Uttar Pradesh
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को पहले गोरखपुर में नजरबंद किया, फिर भेजा लखनऊ; केस भी हुआ दर्ज
Ex IPS Amitabh Thakur: डॉक्टर-सिपाही विवाद के मामले में सिपाही के पक्ष से मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को मंगलवार को पुलिस ने प्रदर्शन करने से रोक दिया। उन्हें गेस्ट हाउस में करीब साढ़े चार घंटे तक नजरबंद रखा गया। आरोप है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने भगा दिया। दोपहर बाद उन्हें ट्रेन से लखनऊ भेज दिया गया। उधर, केयर टेकर जितेंद्र कुमार ने अमिताभ ठाकुर और उनकी पार्टी के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र शर्मा के खिलाफ बिना अलॉट कराए सिंचाई विभाग के डाक बंगले में जबरन घुसने का मुकदमा दर्ज कराया है।
दरअसल, आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिताभ ठाकुर ने सिपाही पंकज कुमार के परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने करने की मांग को लेकर मंगलवार से बेमियादी प्रदर्शन का ऐलान किया था। यह प्रदर्शन कैंट थाने के सामने होना था लेकिन मंगलवार को सुबह से हाईवोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया। बताया जाता है कि आजाद अधिकार सेना के कार्यकर्ताओं ने अमिताभ ठाकुर के लिए सिंचाई विभाग के डाक बंगले में कमरा आवंटित कराया था।
मंगलवार को जब कमरे में पहुंचे तो उन्हें अधिकारियों ने गेस्ट हाउस से बाहर जाने के निर्देश दिए। अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया कि ऐसा प्रशासन के दबाव में किया जा रहा है। इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो भी पोस्ट किया है। इससे पहले वह कैंट इंस्पेक्टर पर धमकी देने का भी आरोप लगा चुके हैं। इसके बाद पुलिस ने पैंतरा बदल दिया। गेस्ट हाउस पर पहुंची पुलिस ने वहां मौजूद आजाद अधिकार सेना के कार्यकर्ताओं को भगा दिया। इसके बाद पूर्व आईपीएस को कमरे में नजरबंद कर दिया। अपराह्न 3 बजे पुलिसकर्मी अमिताभ ठाकुर को लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां लखनऊ जा रही ट्रेन में बैठा दिया।
पार्टी की प्रवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया कि अमिताभ ठाकुर को रेलवे स्टेशन स्थित सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में कक्ष आवंटित करने के बाद जबरदस्ती निकाले जाने का प्रयास किया गया। वहीं अमिताभ ठाकुर ने इस पूरी स्थिति को दुखद बताया। कहा कि लखनऊ पहुंचकर लिखित शिकायत करेंगे।
सिपाही के पक्ष में बसपा ने एसएसपी को दिया ज्ञापन
बसपा जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को एसएसपी से मुलाकात की। इस दौरान सिपाही पंकज कुमार की पत्नी की तरफ से दी गई तहरीर पर केस दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग गई। बसपा जिलाध्यक्ष ने पत्रक के माध्यम से सिपाही की पत्नी की तहरीर पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने, डॉ. अनुज सरकारी के क्लीनिक पर लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच करने और डॉक्टर व उनके दोषी कर्मचारियों की पहचान कर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई किए जाने की मांग की।
डॉक्टर पर केस दर्ज कराने को डीएम को ज्ञापन
गैस्ट्रो सर्जन डॉ.अनुज सरकारी और सिपाही विवाद मामले में भाजपा एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को डीएम कृष्णा करुणेश को ज्ञापन देकर डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। एमएलसी ने आरोप लगाया कि हथौड़े से पांच बार वार के बाद भी डॉक्टर नियमित रूप से मरीज देख रहे हैं। खुद गाड़ी ड्राइव कर रहे हैं। डॉक्टर द्वारा अपने रसूख का गलत इस्तेमाल कर पीड़ित सिपाही का उत्पीड़न किया जा रहा है। एमएलसी ने कहा कि डॉक्टर अपने आपराधिक कृत्य को छिपाने के लिए पेशबंदी और झूठी कहानियां बना रहे हैं। अल्ट्रासाउंड के एवज में 800 की जगह 1100 रुपये लेने पर पूछे गए सवाल से डॉक्टर का नाराज होना औचित्यपूर्ण नहीं है। एमएलसी का कहना है कि डॉक्टर दम्पति के फर्जी नेरेटिव को पुलिस प्रशासन सही मान मान रहा है। पीड़ित सिपाही की पत्नी की तहरीर पर अविलंब केस होना चाहिए।