Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ पर अगले 24 घंटे भारी, मूसलाधार बारिश का रेड-ऑरेंज अलर्ट, कब तक मौसम रहेगा खराब?
Chhattisgarh Weather Update: छत्तीसगढ़ में मौसम ने तीखे तेवर अपना लिए हैं। राज्य के कई हिस्सों से भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की खबरें सामने आ रही हैं। बीते 24 घंटे के दौरान छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। कई हिस्सों में भारी बारिश देखी गई है। सबसे ज्यादा 21 सेमी बारिश भैरमगढ़ (बीजापुर) में दर्ज की गई। यही नहीं बलौदाबाजार-भाटपारा जिले में रविवार को वज्रपात से 7 लोगों की मौत हो गई जबकि 3 घायल हो गए। IMD ने अगले 24 घंटे के दौरान छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में मूसलाधार बारिश का रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग का कहना है कि छत्तीसगढ़ में 13 सितंबर तक छिटपुट बारिश जारी रहेगी। हालांकि भारी बारिश 10 सितंबर तक ही देखी जाएगी। 10 सितंबर को छत्तीसगढ़ के अलग-अगल हिस्सों में जोरदार बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद 13 सितंबर तक सूबे के अलग-अलग हिस्सों में छिटपुट हल्की से मध्यम बारिश देखी जा सकती है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान छत्तीसगढ़ के गरियाबंद, धमतरी, बालोद, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिलों के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।
वहीं छत्तीसगढ़ के महासमुंद, राजनांदगांव, बस्तर, कोंडागांव और दंतेवाड़ा जिलों के अधिकांश स्थानों पर भारी से ज्यादा भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सूबे के सारंगढ़-बिलाईगढ़, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और सुकमा जिलों में अधिकांश स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। सरगुजा, जशपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बिलासपुर, रायगढ़, सक्ती, मुंगेली और कोरबा जिलों के अलग अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश देखी जा सकती है।
मौसम विभाग ने 10 सितंबर को कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, बेमेतरा, कबीरधाम, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों के विभिन्न हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र सोमवार को गहरे दबाव के रूप में तब्दील हो गया। अगले दो दिनों के दौरान इसके ओडिशा और छत्तीसगढ़ से होते हुए पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।