Rajasthan
कोटा में छात्रा से छेड़छाड़ करने वाला शिक्षक गिरफ्तार, बना रहा था संबंध बनाने के लिए दबाव
राजस्थान में कोटा जिले में स्थित एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को 12वीं कक्षा की छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी शिक्षक ने ना केवल कई बार पीड़िता का हाथ पकड़ा, बल्कि वह उस पर शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए भी दबाव बना रहा था। परेशान छात्रा ने इस बात की शिकायत अपनी प्रिंसिपल से भी की लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। जिसके बाद उसने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया। तब जाकर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने गुरुवार को आरोपी शिक्षक वेद प्रकाश बैरवा को गिरफ्तार करते हुए शुक्रवार को उसे पॉक्सो कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आरोपी शिक्षक जुल्मी गांव में स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कार्यरत था।
आरोपी शिक्षक और प्रिंसिपल निलंबित
मामले के सामने आने के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए आरोपी शिक्षक को निलंबित कर दिया। साथ ही छात्रा की शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल को भी निलंबित कर दिया। बता दें कि आरोपी जिस स्कूल में पढ़ाता है, उस सरकारी स्कूल को पहले ‘प्रधानमंत्री श्री स्कूल’ की विशेष श्रेणी के तहत चुना गया था।
मामले की जानकारी देते हुए सुकेत थाने के एसएचओ रघुवीर सिंह ने शुक्रवार को बताया कि जुल्मी गांव के स्कूल में पढ़ने वाली 17 साल की छात्रा ने अपने लेक्चरर के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद आरोपी वेद प्रकाश बैरवा (32) को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसएचओ ने बताया कि नाबालिग ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने की कोशिश की और कई मौकों पर जबरन उसका हाथ भी पकड़ा। छात्रा ने इस मामले की शिकायत अपने क्लास टीचर और प्रिंसिपल से भी की थी। लेकिन जब स्कूल ने लड़की की परेशानी को हल नहीं किया तो उसने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया। जिसके बाद गुरुवार को वे शिकायत को लेकर स्कूल पहुंचे, लेकिन प्रिंसिपल और आरोपी शिक्षक ने उल्टा उन पर ही गुस्सा निकालते हुए लड़की के पिता को वहां से भगा दिया।
जूतों की माला लेकर खड़ी रही पीड़िता
घटना की खबर फैलते ही सैकड़ों की संख्या में गुस्साए ग्रामीण विरोध दर्ज करवाने के लिए स्कूल के बाहर पहुंच गए। जिसके बाद बढ़ती भीड़ को देखकर स्कूल स्टाफ ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल परिसर में करीब ढाई घंटे तक हंगामा किया। इस दौरान पीड़ित छात्रा कथित तौर पर जूतों की माला हाथ में लेकर बाहर इंतजार करती रही।
उग्र तेवर देख बुलानी पड़ी 3 थानों की पुलिस
हंगामे की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस की टीम स्कूल पहुंची, लेकिन वहां मौजूद लोगों की संख्या और भीड़ के उग्र तेवर देख दो अन्य थानों से भी अतिरिक्त बल बुलवाना पड़ा। इसके बाद आरोपी लेक्चरर को पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
एसएचओ सिंह ने बताया कि बैरवा को शुक्रवार को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74 (महिला की गरिमा को भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 11 और 12 के तहत गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को पॉक्सो कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया।
प्रिसिंपल पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप
कोटा जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कृष्ण कुमार शर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बीकानेर के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने शुक्रवार को आरोपी शिक्षक बैरवा और प्रिंसिपल दीवान सिंह रावत को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के अलग-अलग आदेश जारी किए। साथ ही उन्होंने कहा कि विभागीय जांच में स्कूल प्रिंसिपल को लापरवाही का दोषी पाया गया है। उन पर आरोप है कि मामले की सूचना दिए जाने के बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।