Uttarakhand
Pushkar singh dhami cabinet minister make disproportionate assets advocate alleged and complain to pm narendra modi

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उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार में अहम मंत्रालय देखने वाले एक मंत्री पर गंभीर आरोप लगे हैं। मुख्यमंत्री धामी के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने अचल संपत्ति अर्जित की है। इस संबंध में अब निगरानी विभाग और यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय से शिकायत भी की गई है और ऐक्शन लेने की मांग की गई है। गणेश जोशी, पुष्कर सिंह धामी सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री हैं। गणेश जोशी मसूरी विधानसभा से विधायक हैं। गणेश जोशी के खिलाफ शहर के ही एक वकील ने निगरानी विभाग के पास शिकायत की है।
वकील विकेश नेगी ने अपनी शिकायत में कहा, ‘गणेश जोशी ने एक विधायक और मंत्री बनने के बाद साल 2007 से लेकर 2023 के बीच अब तक कुल 36 लाख के आसपास सैलरी प्राप्त की है। उन्होंने 9 करोड़ की संपत्ति डिक्लेयर की थी। सूचना के अधिकार के तहत और ADR रिपोर्टों से मिली जानकारी के मुताबिक, जोशी ने अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने यह दौलत अपने पद के गलत इस्तेमाल से जुटाई है। उनपर मनी लॉन्ड्रिंग और अपने पद का गलत इस्तेमाल कर अकूत संपत्ति बनाने के मामले में कार्रवाई की जाए। मैंने उनके खिलाफ निगरानी विभाग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय तक अपनी शिकायत दर्ज करवाई है और कार्रवाई की मांग की है।’
नेगी ने आगे कहा, ‘उन्होंने (गणेश जोशी) ने साल 2011 में 15 लाख, साल 2012 में 44 लाख, साल 2015 में 13 लाख, साल 2016 में 30 लाख, साल 2017 में 3 लाख, साल 2018 में 36 लाख, साल 2019 में 51 लाख, साल 2021 में 63 लाख और साल 2022 में करीब 1.4 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अपनी पत्नी निर्मला जोशी, बेटी नेहा जोशी और बेटे मयंक जोशी के नाम पर खरीदी। तब उस वक्त उनके बेटे और बेटी दोनों ही पूरी तरह उनपर आश्रित थे। इस तरह जोशी ने इस समय अवधि में 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीदी। यह उनकी आय के स्त्रोत से काफी ज्यादा है।’
नाम ना बताने के शर्त पर निगारनी विभाग के एक अफसर ने कहा, ‘हमें मंत्री के खिलाफ एक शिकायत मिली है जिसमें अकूत संपत्ति बनाने की बात है। हमने इस शिकायत को सरकार के पास भेजा है ताकि आगे की कार्रवाई हो सके।’ इधर इस मुद्दे पर राज्य के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने एक्स पर कहा कि यह एक गंभीर मामला है। आरोप RTI के तहत मिले जवाब के तहत लगाए गए हैं। इधर जब ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ ने इन आरोपों के संबंध में कैबिनेट मंत्री से कई बार संपर्क करने की कोशिश की तो भी उनका जवाब नहीं मिल सका। उनके एक करीबी सहयोगी ने कहा कि वो बाद में इसपर जवाब देंगे।