Punjab
Punjab Congress taunts on arvind Kejriwal arrest appeals to bhagwant mann
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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर राहुल गांधी और उनकी पार्टी के तमाम बड़े नेता खुलकर आप का साथ दे रहे हैं। वहीं, उनकी पार्टी की पंजाब यूनिट आप सुप्रीमो और उनकी पार्टी पर हमलावर है। पंजाब कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं ने केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है। आपको बता दें कि कांग्रेस और आप ने लोकसभा चुनाव के लिए कई राज्यों में गठबंधन किया है, लेकिन पंजाब में दोनों के बीच बात नहीं बनी।
एआईसीसी किसान कांग्रेस के प्रमुख और पंजाब के विधायक सुखपाल खैरा ने ‘कट्टर ईमानदार’ के दावे पर आम पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, ”आप जो बोएंगे, वही काटेंगे। इन नकली क्रांतिकारियों ने भाजपा की क्रूरता को पार करते हुए पंजाब में अपने विरोधियों के खिलाफ झूठे आपराधिक मामले दर्ज कराए।”
खैरा का समर्थन लुधियाना के सांसद रवनीत बिट्टू ने भी किया। उन्होंने कहा, “केजरीवाल और उनकी पार्टी स्वराज और जन लोकपाल का वादा करके सत्ता में आई लेकिन विडंबना यह है कि वे सबसे बड़े ठग बन गए हैं। दिल्ली में भ्रष्टाचार का यह मामला तो बस शुरुआत भर है। भगोड़े राघव चड्ढा द्वारा पंजाबियों का लूटा गया पैसा अभी तक बरामद नहीं हुआ है।”
भगवंत मान से अपील
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि आप ने पंजाब में भी इसी तरह का शराब घोटाला किया है और मुख्यमंत्री भगवंत मान से केजरीवाल का नाम उन 300 गिरफ्तार लोगों की सूची में जोड़ने के लिए कहा जिवका उन्होंने सार्वजनिक होर्डिंग्स लगवाए हैं।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख राजा वारिंग ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए बनाई गई भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति बताया है। वहीं, सीएलपी नेता प्रताप बाजवा ने चुप्पी बनाए रखी। उन्होंने न तो गिरफ्तारी की निंदा की बल्कि आप पर हमला करके कांग्रेस पार्टी के केंद्री नेतृत्व के स्टैंड का खंडन भी नहीं करना चाहते थे।
पंजाब में कांग्रेस और आप आमने-सामने की लड़ाई लड़ रही है। स्थानीय कांग्रेस नेताओं को चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। उन्हें लगता है कि केजरीवाल की हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी से लोगों के बीच सत्ताधारी पार्टी की स्थिति खराब हो जाएगी।
पंजाब में आप-कांग्रेस क्यों दूर-दूर?
आम आदमी पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को पंजाब की सत्ता से बेदखल कर दिया था। केजरीवाल की पार्टी ने 2024 के चुनाव में भी अपना प्रदर्शन दोहराने का दावा किया है। पंजाब कांग्रेस के अधिंकांश सांसद AAP के साथ गठबंधन चाहते थे। केंद्रीय नेतृत्व ने बातचीत शुरू की, लेकिन पंजाब पर सहमति नहीं बनी। कांग्रेस को ऐसा लगता है कि आप की लोकप्रियता पंजाब में खत्म हो चुकी है। वहीं, आप और कांग्रेस के हाथ मिलाने से भाजपा को फायदा मिलने की भी आशंका उन्हें सता रही थी।