Delhi

दिल्ली में रोड टैक्स फ्री पॉलिसी के तहत इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोग परेशान, क्या है वजह

Published

on


Share

हमें फॉलो करें

दिल्ली में दो साल पहले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लाई गई टैक्स फ्री पॉलिसी के तहत वाहन खरीदने वाले लोग अब परेशान हैं। इन वाहनों की फिटनेस कराने जाने वाले बसों के मालिकों से अब 2022 से रोड टैक्स की मांग की जा रही है।

Praveen Sharma हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 5 Oct 2024 02:37 AM
Share

दिल्ली में दो साल पहले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लाई गई टैक्स फ्री पॉलिसी के तहत वाहन खरीदने वाले लोग अब परेशान हैं। इन वाहनों की फिटनेस कराने जाने वाले बसों के मालिकों से अब 2022 से रोड टैक्स की मांग की जा रही है। साथ ही उनसे दो साल की पेनल्टी भी ली जा रही है।

वहीं, इलेक्ट्रिक कारों के लिए परिवहन विभाग के ऑनलाइन सिस्टम को अपडेट ही नहीं किया गया। इस वजह से इनकी फिटनेस के लिए रसीद नहीं निकल रही। विभागों के इस नए पेंच में फंसे करीब 500 वाहन एक महीने में सड़कों से हट चुके हैं। यह वाहन फिटनेस न होने की वजह से सड़कों पर नहीं उतर पा रहे हैं।

टैक्सी मालिकों की इस परेशानी को लेकर ऑल दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने बीते गुरुवार को परिवहन विभाग के स्पेशल कमिश्नर शहजाद आलम से मिलकर समस्या का हल कराने की मांग की है। 

सम्राट ने बताया कि 2022 में दिल्ली सरकार ने ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी के साथ-साथ पंजीकरण और रोड टैक्स माफ किया था। इस योजना को देखकर बड़ी संख्या में लोगों ने बसें, कारें और अन्य व्यावसायिक वाहन खरीदे थे। इनकी फिटनेस की अवधि दो साल की थी। अब दो साल पूरे होने पर वाहन मालिक इनकी फिटनेस कराने सेंटर पर ले गए तो वहां बसों की फिटनेस किए जाने से पहले वर्ष 2022 से अब तक का रोड टैक्स जमा कराने को कहा गया। इसके साथ ही 100 फीसदी पेनल्टी भी लगाई गई है। यानी ई-बस का एक साल का रोड टैक्स नौ हजार रुपये है तो पेनल्टी के साथ उन्हें 18 हजार रुपये जमा कराने को कहा जा रहा है।

बस मालिक विवेक कुमार का कहना है कि उनके पास 22 इलेक्ट्रिक बसें हैं। इनमें से कुछ बसों की फिटनेस सर्टिफिकेट की अवधि खत्म हो गई है। इनके लिए उन्हें 2022 से अब तक का रोड टैक्स चुकाना पड़ रहा है।

कार की फिटनेस का शुल्क जमा नहीं हो पा रहा

यूनियन के अध्यक्ष संजय सम्राट का कहना है कि बसों की फिटनेस तो पुराना रोड टैक्स और पेनल्टी चुकाने के बाद हो रही है, लेकिन कारों की फिटनेस हो ही नहीं पा रही है। परिवहन विभाग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में कार की फिटनेस की रकम ही नहीं दर्शा रही है। इसकी वजह से अधिकारियों को भी नहीं पता कि इन वाहनों की फिटनेस के लिए उनसे कितनी रकम ली जानी है। तकरीबन 450 से ज्यादा कार फिटनेस न होने के कारण सड़कों से दूर हो चुकी हैं।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version