Uttarakhand
Muslim hill backward classes voters focus BJP plan Uttarakhand Lok Sabha elections 2024

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हरिद्वार लोकसभा सीट पर मुस्लिम, पर्वतीय और पिछड़े वर्ग को लेकर सियासत गरमा गई है। भाजपा, कांग्रेस और बसपा में सबसे ज्यादा खींचतान इसी वोट बैंक को लेकर है। तीनों वोट बैंकों को विपक्ष साधने के लिए जोड़तोड़ कर रहा है।
भाजपा योजनाओं, चेहरों के माध्यम से इस वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है। सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता इस सीट पर हैं। पर्वतीय और पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी एक चौथाई-एक चौथाई के करीब हैं। इन तीनों का समीकरण ही प्रत्याशी को जीत की ओर ले जाएगा।
1991 से लेकर 1999 तक भाजपा के पास दलित वोट बैंक अधिक था। पार्टी के वोट और दलित वोटों के दम पर ही भाजपा ने लगातार चार बार जीत दर्ज की है। 2004 में सपा ने दलित और मुस्लिम वोटों के आधार पर जीत दर्ज की।
2009 में परिसीमन हुआ तो पर्वतीय वोटों की संख्या इस सीट पर तब बढ़ी, जब डोईवाला, ऋषिकेश और धर्मपुर क्षेत्र को जोड़ा गया। 2009 के चुनाव में कांग्रेस मुस्लिम, पर्वतीय और पिछड़े वर्ग को साधने में कामयाब रही थी। पार्टी के रणनीतिकार पिछले सालों में हुए चुनाव को देखते हुए इन तीनों वर्गों को साधने की जुगत में लगे हुए है।
हरिद्वार सीट से अब तक यह रहे सांसद
1977 में भगवान दास बीएलडी (भारतीय लोक दल)
1980 में जगपाल सिंह जनता दल (सेक्युलर)
1984 में सुंदर लाल कांग्रेस
1989 में जगपाल सिंह कांग्रेस
1991 में राम सिंह भाजपा
1996 में हरपाल साथी भाजपा
1998 में हरपाल साथी भाजपा
1999 में हरपाल साथी भाजपा
2004 में राजेंद्र कुमार बाड़ी सपा
2009 में हरीश रावत कांग्रेस
2014 में डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भाजपा
2019 में डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भाजपा
2009 में कांग्रेस ने दर्ज की थी जीत
कांग्रेस 2009 में लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रही। कांग्रेस ने तीन वर्गों के वोट बैंक को अपने पक्ष में कर लिया। 2014 और 2019 के चुनाव में पर्वतीय वोट कांग्रेस से दूर रहा है, पिछड़े वर्ग का वोट भी कांग्रेस का कम हुआ है। इस बार कांग्रेस भी इन तीनों वर्ग के मतदाताओं को साधने में जुटी है।
वोट बैंक पर एक नजर
मुस्लिम एक चौथाई,
पर्वतीय एक चौथाई,
पिछड़े वर्ग एक चौथाई
सैनी 1 लाख से अधिक
गुर्जर- जाट 1.50 लाख से अधिक
संत15 हजार से अधिक
अन्य 2.14 लाख से अधिक
कुल वोट 2031668