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बिजनेसमैन सुनील दम्मानी की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई, CJI ने क्यों मानी जल्द हियरिंग की बात, छत्तीसगढ़ न्यूज़

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बिजनेसमैन सुनील दम्मानी की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई, CJI ने क्यों मानी जल्द हियरिंग की बात, छत्तीसगढ़ न्यूज़


सुप्रीम कोर्ट से महादेव बैटिंग ऐप केस में फंसे छत्तीसगढ़ के बिजनेसमैन सुनील दम्मानी को थोड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई करने के अनुरोध को मान लिया है। गुरुवार को इस केस की सुनवाई होगी।

Sneha Baluni रायपुर। पीटीआईTue, 1 Oct 2024 08:06 AM
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सुप्रीम कोर्ट से महादेव बैटिंग ऐप केस में फंसे छत्तीसगढ़ के बिजनेसमैन सुनील दम्मानी को थोड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई करने के अनुरोध को मान लिया है। गुरुवार को इस केस की सुनवाई होगी। सुनील को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल अगस्त में अवैध सट्टा ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ से जेल में बंद बिजनेसमैन के वकील ने आग्रह किया कि जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है।

दम्मानी के वकील ने जब कहा कि उनका मुवक्किल 13 महीने से ज्यादा समय से जेल में है, तो सीजेआई ने कहा, ‘हम आमतौर पर बोर्ड (किसी निश्चित दिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध मामलों) को नहीं छोड़ते, लेकिन यह जमानत याचिका है… हम इस पर गुरुवार को सुनवाई करेंगे।’ पिछले साल 23 अगस्त को ईडी ने महादेव सट्टा ऐप मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित संलिप्तता के लिए दम्मानी के साथ तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा सहित 10 लोगों की प्रॉपर्टीज में भी सर्च अभियान चलाया था। इस मामले में दम्मानी के अलावा उनके भाई अनिल दम्मानी, छत्तीसगढ़ पुलिस के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) चंद्र भूषण वर्मा और रायपुर निवासी सतीश चंद्राकर को गिरफ्तार किया गया था।

ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला दुर्ग जिले के मोहन नगर पुलिस स्टेशन में अवैध जुआ ऐप ‘महादेव’ के खिलाफ 2022 में राज्य पुलिस की एफआईआर से जुड़ा है। ईडी के मुताबिक, दम्मानी ब्रदर्स की एक ज्वैलरी शॉप और एक पेट्रोल पंप है और उनकी कथित तौर पर हवाला लेन-देन में भूमिका थी। एएसआई वर्मा ने कथित तौर पर अन्य आरोपियों को पुलिस कार्रवाई से बचाने के लिए उनसे पैसे लिए और शक है कि उन्होंने अन्य पुलिस अधिकारियों को भी पैसे दिए।



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