Uttarakhand
loksabha election BJP Congress no one could save deposit voting percentage – BJP
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अल्मोड़ा संसदीय सीट पर भाजपा और कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। राज्य गठन के बाद हुए चार चुनावों में कई क्षेत्रीय दलों व निर्दलीय उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई, लेकिन कोई भी प्रत्याशी जमानत नहीं बचा पाया।
राज्य गठन के बाद पहली बार 2004 में भाजपा-कांग्रेस सहित नौ प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे। इनमें पांच क्षेत्रीय दलों के अलावा तीन निर्दलीय प्रत्याशी शामिल रहे, लेकिन मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच सिमटकर रह गया। बाकी अन्य सात प्रत्याशियों की जमानत नहीं बच पाई।
हालांकि यूकेडी तीसरे नंबर पर काबिज होने में सफल रही। वर्ष 2009 में भाजपा-कांग्रेस के अलावा दस प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। इस बार दो निर्दलीय और छह क्षेत्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाई, लेकिन हालात नहीं बदल पाए। भाजपा-कांग्रेस के अलावा कोई भी जमानत बचाने में सफल नहीं रहा।
2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस बार भाजपा-कांग्रेस के सामने दो निर्दलीय व पांच क्षेत्रीय पार्टियों सहित नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे। नतीजा पिछले चुनावों की तरह रहा। 2019 के चुनाव में भी चार क्षेत्रीय पार्टियां चुनाव मैदान में उतरीं। इस बार भी भाजपा व कांग्रेस को छोड़ अन्य चार पार्टियों के प्रत्याशी जमानत नहीं बचा पाए।
सपा ने दो तो अन्य ने एक-एक बार दर्ज कराई मौजूदगी
लोकसभा चुनाव में सपा ने 2004 व 2014 में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी ने 2004, एनसीपी, रिपब्लिक पार्टी, एलजेपी ने 2009 में, यूपीपी और आप ने 2014 के अलावा यूकेपीपी और यूकेडीडी ने 2019 में प्रत्याशी उतारकर मौजूदगी दर्ज कराई।
दो बार तीसरे नंबर की पार्टी बनी बसपा
चार लोकसभा चुनाव में बसपा ने तीन बार प्रत्याशी मैदान पर उतार। 2009 और 2014 में बसपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे, जबकि 2019 में बसपा को चौथा स्थान मिला। 2004 में यूकेडी ने तीसरे स्थान पर जगह बनाई, जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में नोटा तीसरे स्थान पर काबिज हो गया।
बसपा, सीपीआई और यूकेडी ने लड़े तीन चुनाव
राज्य गठन के बाद हुए चार लोकसभा चुनाव में बसपा, सीपीआई और यूकेडी ने तीन-तीन बार प्रत्याशी मैदान में उतारे। बसपा ने 2009, 2014 और 2019 में भाग्य आजमाया। वहीं, यूकेडी ने 2004, 2009 और 2019 में तो सीपीआई ने 2004, 2009 और 2014 में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे।