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lok sabha election 2024 why arvind kejriwal announce the candidature of chaitra vasava in gujarat

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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अपने गुजरात दौरे के दौरान भरूच जिले के नेत्रंग में एक रैली को संबोधित करते हुए ऐलान कर दिया कि चैतर वसावा भरूच लोकसभा सीट से AAP के उम्मीदवार होंगे। ऐसे में जब INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग पर अभी तक ठोस सहमति नहीं बन पाई है। सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और आप नेताओं की बैठक से पहले अरविंद केजरीवाल का भरूच लोकसभा सीट से चैतर वसावा को उतारने के ऐलान को एक बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इस रिपोर्ट में वजहों पर एक नजर…

गौर करने वाली बात है कि सोमवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं की एक बैठक हुई। इसमें लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई। इस बैठक के बाद कांग्रेस सांसद मुकुल वासनिक ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ चुनाव के कई मुद्दों पर चर्चा हुई। यह बातचीत आगे भी जारी रहेगी और हम फिर मिलेंगे। इसके बाद ही हम सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला लेंगे। हर चीज पर विस्तार से चर्चा हुई। हम एक साथ चुनाव लड़ेंगे और हम बीजेपी को करारा जवाब देंगे। 

ऐसे में जब INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग के मसले पर कोई ठोस बात नहीं बन पाई है। INDIA गठबंधन का हिस्सा मानी जाने वाली आम आदमी पार्टी का भरूच लोकसभा सीट से चैतर वसावा को उतारने के ऐलान ने सियासी अटकलों को हवा देने का काम किया है। विश्लेषकों की मानें तो केजरीवाल का यह कदम कांग्रेस एवं INDIA गठबंधन के बाकी सहयोगियों पर दबाव बनाने की रणनीति का एक हिस्सा है। 

केजरीवाल ने इस कदम से INDIA गठबंधन को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह जल्द से जल्द सीट शेयरिंग को अंतिम रूप दे। केजरीवाल ने यह ऐलान कर के एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है। पहला यह कि INDIA गठबंधन में आम आदमी पार्टी की दावेदारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। खासकर तब जब गुजरात विधानसभा चुनावों में उसकी ताकत को देखा जा चुका है। पंजाब में भी AAP की सरकार का दमखम अभी बरकरार है। 

विश्लेषकों का कहना है कि केजरीवाल का यह कदम गठबंधन में ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी हासिल करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। ऐसे में जब लोकसभा चुनावों के लिए कुछ ही महीने बचे हैं, सीट शेयरिंग के मसले को ज्यादा लटकाए रखना गठबंधन के हित में नहीं होगा। यदि सीट शेयरिंग पर समय रहते समझौता हो जाता है तो इससे गठबंधन के सहयोगियों को उम्मीदवारों के चयन के लिए पर्याप्त टाइम मिलेगा। इससे गठबंधन के सहयोगी दमदार उम्मीदवार उतारने में कामयाब होंगे।

केजरीवाल के कदम से साफ है कि गठबंधन के लिए सीट शेयरिंग के मसले को जल्द से जल्द सुलझाना ही बेहतर होगा। चैतर वसावा की उम्मीदवारी के ऐलान से केजरीवाल ने यह भी साफ कर दिया है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की पूरी तैयारी है। इस तरह केजरीवाल ने गेंद गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के पाले में डाल दी है। वहीं कांग्रेस दिल्ली, पंजाब और गुजरात में लोकसभा सीटें साझा करने के मसले अपनी पार्टी इकाइयों से फीडबैक भी ले रही है। देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली, पंजाब और गुजरात में APP के साथ सीटों पर गठबंधन क्या फैसला लेता है।

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