Rajasthan
तेंदुए से उदयपुर के 20 गांवों में दहशत, लोग घरों में कैद होने को मजबूर; स्कूल भी बंद
राजस्थान के उदयपुर जिले में पिछले 15 दिनों में 7 लोगों को मौत की नींद सुला चुके तेंदुए के दहशत से लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए हैं। यहां तक कि इन गांवों में स्थित स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। वन विभाग, पुलिस और सेना की 100 से अधिक सदस्यीय टीम तेंदुए की तलाश में जुटी है।
राजस्थान के उदयपुर जिले में पिछले 15 दिनों में 7 लोगों को मौत की नींद सुला चुके तेंदुए के दहशत से लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए हैं। यहां तक कि इन गांवों में स्थित स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। वन विभाग, पुलिस और सेना की 100 से अधिक सदस्यीय टीम तेंदुए की तलाश में जुटी है।
खुले में घूम रहे एक तेंदुए के कारण उदयपुर के पास के 20 गांवों में डर फैल गया है। लोगों ने खुद को घरों तक सीमित कर लिया है और स्कूल बंद हो गए हैं। जिले के गोदुंदा और बड़गांव उपखंडों के गांवों में तेंदुए ने एक पखवाड़े के भीतर सात लोगों को मार डाला है। वन विभाग, पुलिस और सेना की 100 से अधिक सदस्यीय टीम ने उदयपुर शहर के पास दो गांवों केल्वोन का खेड़ा और राठौड़ का गुड़ा के 20 किलोमीटर के क्षेत्र को घेर लिया है, जहां तेंदुए ने दो हमला किया था। जिला वन अधिकारी अजय चित्तौरा ने कहा कि हमलों के पैटर्न से संकेत मिलता है कि वे सभी एक ही तेंदुए द्वारा किए गए थे।
गोगुंदा थाना प्रभारी शैतान सिंह नाथावत ने कहा कि ग्रामीणों ने खुद को अपने घरों तक ही सीमित कर लिया है। जब वे बाहर निकलते हैं तो लाठियां लेकर निकलते हैं। वन विभाग ने मंगलवार को जानवर को गोली मारने की अनुमति जारी की थी। तेंदुए की तलाश में जुटी टीम उसे बाहर निकालने के लिए पटाखे चला रहे हैं और ड्रम बजा रहे हैं। केल्वों की ढाणी में बरसाती नाले के पास जहां तेंदुए के पांव के निशान दिखे हैं, वहां जाल बिछाया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तेंदुओं ने पहले कभी इंसानों पर हमला नहीं किया, लेकिन लगता है कि बार-बार की झड़पों से यह सिलसिला टूट गया है। ग्रामीण भगवती लाल ने कहा कि वह मवेशियों के लिए चारा इकट्ठा करने से बच रहे हैं।
डीएफओ ने कहा कि सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर पिंजरे लगाए गए हैं, उदयपुर, राजसमंद, जोधपुर और रणथंभौर के निशानेबाजों की टीमें सक्रिय रूप से इसकी तलाश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हैदराबाद से एक विशेषज्ञ निशानेबाज भी वहां है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए राठौड़ का गुड़ा में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि अगर आपात स्थिति में लोगों को बाहर जाने की जरूरत पड़ती है तो उन्हें लाठी लेकर समूहों में जाने की सलाह दी गई है। सोशल मीडिया पर एक एडवाइजरी भी डाली गई है।
अधिकारी ने कहा कि जहां मृत जानवर पड़े हों, वहां अधिक सतर्क रहें। यदि स्कूल गांव से दूर है, तो बच्चों को समूह में चलना चाहिए। बच्चों को पूरे कपड़े पहनाकर रखें। ग्रामीणों को यह भी सलाह दी गई है कि चलते समय अपनी लाठियों को जमीन पर पीटें ताकि आवाज हो। झाड़ियों या सुनसान जगहों पर न जाएं। अगर शौचालय घर के बाहर है तो उसका दरवाजा खुला न छोड़ें।